रेल मंत्रालय यात्रियों को विभाग की ओर से बेहतर सर्विस देने के लिए प्रयासरत रहता है. ऐसे में रेल मंत्रालय विभाग के अधिकारियों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है. अब विभाग के उन अधिकारियों की खैर नहीं जो ट्रेनों की टाइम गलत बताते हैं. ऐसे में विभाग की ओर से यात्रियों को टिकट रिफंड देना पड़ता है लेकिन अब 1 जून से ऐसा नहीं होगा. विभाग रिफंड का पैसा इसके जिम्‍मेदार के अधिकारियों के वेतन से काटेगा.


टिकट का रिफंड विभाग सेअक्सर ही ट्रेनों के घंटो लेट होने की खबरें आती रहती हैं. यात्री घंटों ट्रेन के इंतजार में परेशान होते रहते हैं. हालांकि इसमें अनेक यात्री ट्रेन होने की वजह से अपने टिकट का रिफंड विभाग से ले लेते हैं, क्योंकि रेल विभाग के अनुसार अगर बताए गए समय के 3 घंटे ज्यादा यात्री ट्रेन का इंतजार करते हैं तो वे रिफंड का दावा कर सकते हैं. शायद बढ़ते रिफंड प्रासेस से विभाग को होते नुकसान को देखते हुए रेलमंत्रालय ने अधिकारियों पर शिकंजा कसा है. रेलमंत्रालय आगामी 1 जून से ट्रेन की गलत टाइमिंग बताने वाले ट्रैफिक कंट्रोल ऑफिस के अधिकारियों की सैलरी रुपये काटना शुरू कर देगा.समय सारिणी अपटेड करते रहते
जानकारी के अनुसार अक्सर ही ट्रेन की गलत समय सारिणी बताने की वजह से यात्री का पैसा वापस करना पड़ता है. कई बार कुछ अधिकारी यह चालाकी दिखाते हैं कि वे यात्री के दावे पर डेटा में छेड़खानी करके टाइम बदल देते हैं, लेकिन अब यह भी मंहगा होगा. रेलवे के ट्रैफिक कंट्रोल ऑफिस में बैठने वाले अधिकारी समय समय पर ट्रेनों के चलने की समय सारिणी अपटेड करते रहते हैं. ऐसे में अगर नैशनल ट्रेन इन्क्वायरी सिस्टम में अपडेट टाइम से ट्रेन 3 घंटे से ज्यादा लेट होती है तो अफसरों पर शामत आएगी. विभाग रिफंड का पैसा उनकी ही सैलरी से विभाग कटौती करेगा. इससे कोई भी अधिकारी नही बच पाएगा.

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Posted By: Satyendra Kumar Singh