अगर आप किसी के गारंटी लेने को सोच रहे हैं तो जरा संभल के. रिजर्व बैंक ने लोन गारंटर्स के प्रोवीजंस सख्त कर दिए हैं. आरबीआई का मानना है कि लोन लेने वाली कंपनियों और लोगों को विलफुल डिफॉल्टर बताए जाने की हालत में गारंटर्स पर भी ऐसा ही एक्शन लिया जा सकता है.


गारंटर भी होगा विलफुल डिफॉल्टर!रिजर्व बैंक की तरफ से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि अगर गारंटर के पास लोन रिपे करने के लिए पैसे हैं और वह बैंकों या दूसरे क्रेडिटर्सके पैसे नहीं चुकाता है तो ऐसे गारंटर को भी विलफुल डिफॉल्टर माना जाएगा.  गारंटर को अब यह समझने की जरूरत है कि अगर उधार लेने वाले को विलफुल डिफॉल्टर घोषित किया जाता है और लाइबिलिटी के भुगतान के लिए गारंटर पर दावा किया जाता है तो पैसे के होने के बावजूद पे नहीं करने पर उसे भी विलफुल डिफॉल्टर बनाया जा सकता है.लोन गारंटी मिलना हुआ मुश्किल
रिजर्व बैंक के इस कदम से लोन के लिए गारंटर ढूंढने में लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा. अगर आप किसी को गारंटी दे रहे हैं तो बेहतर होगा कि आप गारंटर बनने के लिए मंजूरी देने से पहले लोन लेने वाले की रीपेमेंट की कैपिसिटी जांच लें. साथ ही यह भी एनश्योर करें कि आपकी लायबिलिटी लोन के लिए मंजूर पैसे तक ही हो और फ्यूचर में बैंक से टॉप अप के जरिये क्रेडिट लिमिट बढ़ाने तक यह मामला नहीं बढ़े.

Posted By: Shweta Mishra