किचन तक पहुंची सब्जियों के बढ़े भाव की आंच
- फुटकर कारोबारी आम जनता की जेब पर डाल रहे डाका
GORAKHPUR: थोक मंडी से निकलते ही सब्जियों के दाम दोगुने हो जा रहे हैं। फुटकर कारोबारी मनमाने भाव में सब्जियां बेच रहे हैं, इसकी वजह से आम जनता जेब ढीली करने पर मजबूर है। लगातार बढ़ रहे सब्जियों के भाव की आंच अब किचन तक पहुंच चुकी है। पहले से महंगाई की मार झेल रहे लोगों किचन खर्च के साथ ही सब्जियों के लिए एक्स्ट्रा पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। रेट पर नहीं कोई नियंत्रणहरी सब्जि्यों के रेट पर किसी का नियंत्रण ना होने की वजह से फुटकर व्यापारी अपने हिसाब से अलग-अलग रेट तय कर बेचने में लगे हैं। इसका अतिरिक्त भार आम जनता को झेलना पड़ रहा है। सब्जी के दाम लगातार बढ़ने से लोगों का जीना मुहाल हो चुका है। कुछ मंथ पहले जहां लोग महज 50 रुपए में झोले भर सब्जियां लेकर घर पहुंचते थे, वहीं अब सौ रुपए में भी झोला भरना मुश्किल हो गया है।
मार्केट के हिसाब से रेटसब्जी कारोबारी भी अब लोगों को आमद को देखते हुए सब्जी के रेट निर्धारित कर रहे हैं। जिस इलाके में जिस तरह की जेंट्री आती है, उसके हिसाब से वहां सब्जियों के रेट तय हैं। दीवानी कचहरी, शास्त्री चौक, रीड साहब धर्मशाला, अलीनगर, घंटाघर, शाहपुर, धर्मशाला बाजार, असुरन चौक आदि स्थानों पर कई रेट में सब्जियां बेची जाती है।
थोक और फुटकर बाजारों के दाम सब्जी थोक रेट फुटकर रेट आलू 8-9 रुपये प्रति किलो 12 से 15 प्याज 13 20 पत्ता गोभी 8 20 फूल गोभी 8-10 30मटर - 22-25 50
खीरा 12-15 30 कटहल 20-25 60 टमाटर 12 30 भिंडी 30 80परवल 40 60
करैला 30-32 60 बैगन 8-10 40 हरा मिर्चा 30 80-100 अदरक 30-32 50 कच्चा केला 15 30इधर कुछ दिनों से हरी सब्जी के भाव में काफी तेजी आई है। इसकी वजह से बजट काफी बिगड़ गया है। पहले कई तरह की सब्जियां बनाई जाती थी, लेकिन महंगाई की वजह से चुनिंदा सब्जियों से ही काम चलाना पड़ रहा है।
सरफराज खान, उपभोक्ता पहले सीजनल सब्जी कम भाव में मिलती थी, लेकिन धीरे-धीरे इनके दाम आसमान छूने लग गए हैं। आम आदमी की जेब ढीली हो रही है। थोक में तो अभी भी भाव ठीक चल रहा है, लेकिन फुटकर भाव बढ़ते जा रहे हैं। एसपी गौतम, एडवोकेट