PATNA : पटनाइट्स अब प्लास्टिक वेस्ट से बनी सड़कों चलेंगे। ये न केवल आम सड़कों से अलग होंगी बल्कि पानी से भी जल्दी डैमेज नहीं होगी। इसके अलावा पर्यावरण को फायदा होगा। क्योंकि, इस सड़क को बनाने में बेकार और कचरे से निकाले गए प्लास्टिक का उपयोग किया जाएगा। खुले में पड़े प्लास्टिक से पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचता है। हाल ही में नगर निगम और यूएनडीपी के बीच हुए एमओयू के बाद प्लास्टिक से सड़क बनाने की राह खुली है।

पटना में जलजमाव की समस्या ज्यादा है। बरसात के दिनों में सड़क पर पानी भर जाता है। जिससे सड़कें खराब हो जाती हैं। मजबूती के लिए अब सड़क निर्माण के समय खराब प्लास्टिक का यूज अलकतरा में किया जाएगा। इस प्रकार यह पर्यावरण में बढ़ते वेस्ट प्लास्टिक के असर को कम करने में भी बहुत कारगर होगा। इस प्रोजेक्ट से जुडे़ अधिकारियों का कहना है कि यह प्रयोग देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक रोल मॉडल पेश करने का काम करेगा।

गर्दनीबाग में लगेगा प्लांट

सड़क निर्माण में प्लास्टिक का उपयोग करने से लोगों को प्लास्टिक वेस्ट से राहत मिलेगी। 80 लाख रुपए की लागत से गर्दनीबाग में 4 मशीनें लगाई गई है। यहां फटका, वेलिंग और अन्य मशीनों की मदद से प्लास्टिक को प्रोसेस किया जाएगा। यूएनडीपी के मुताबिक फटका मशीन से डस्ट निकाला जाएगा और वेलिंग मशीन से प्लास्टिक को दबाकर सही साइज में लाया जाएगा। जबकि शेडर मशीन से प्लास्टिक को 2 से 4 एमएम के साइज में काटकर टुकड़ा किया जाएगा। यूएनडीपी के सूत्रों ने बताया कि जल्द ही ऐसे सड़क के निर्माण के लिए प्लास्टिक कटिंग प्लांट चालू हो जाएगा।

टेम्पर लेस प्लास्टिक होगा यूज

यूं तो प्लास्टिक कई प्रकार के होते हैं लेकिन सड़क बनाने के लिए केवल टेम्पर लेस प्लास्टिक ही यूज किया जाएगा। हालांकि, कचरे में हर प्रकार के प्लास्टिक होंगे। उसमें से प्लास्टिक चुनने का काम प्लांट के कर्मचारी करेंगे।

यूजफुल आइटम भी बनेंगे

यूएनडीपी के अधिकारियों ने बताया कि जहां टेम्पर लेस प्लास्टिक का प्रयोग सड़क निर्माण के लिए किया जाएगा जबकि टेम्पर प्लास्टिक का प्रयोग कुर्सी, टेबल, पेपर वेट सहित अन्य यूजफुल प्लास्टिक के आइटम बनाने में किया जाएगा। इसके लिए कटे हुए प्लास्टिक को इंदौर भेजा जाएगा। वहां सामान का निर्माण कर पटना लाया जाएगा। नगर निगम के कचरा के अलावा राजधानी के कई इलाकों में कैंप लगाकर लोगों से प्लास्टिक की बोतल भी ली जा रही है। इसके बदले में कपड़े का एक थैला दिया जा रहा है।

पानी का नहीं होगा असर

एक्सपर्ट की माने तो सड़क बनाते समय तीन लेयर में प्लास्टिक का मैटेरियल डाला जाएगा। ऊपरी लेयर में तारकोल और बिटुमिन्स के साथ-साथ प्लास्टिक मैटेरियल डाले जाएंगे। सड़क निर्माण के बाद और निर्माण के बीच में भी प्लास्टिक डाला जाएगा। इससे सड़क पर पानी का असर नहीं रहेगा और सड़क जल्दी नहीं टूटेगी।

-कलेक्शन सेंटर से मिलेगा सपोर्ट यह प्रयोग स्थायी तौर पर सफल हो इसके लिए प्लास्टिक की कमी न हो इस बात का भी ख्याल रखा जा रहा है। निगम की ओर से वार्ड नंबर 2, 3, 4, 5, 8, 9, 20 21, 28, 37 में कलेक्शन सेंटर बनाए जाएंगे। यहां इसे जमा कर गर्दनीबाग प्लांट में लाया जाएगा।

वर्जन

पटना नगर निगम और यूएनडीपी की सहयोग से प्लास्टिक की सड़क बनाई जाएगी। यह एनवायरमेंट फ्रेंडली अप्रोच होगा।

-अरविन्द कुमार, प्रोग्राम ऑफिसर यूएनडीपी

Posted By: Inextlive