बिना चले निकली 'साइकिल' की हवा
-रोडवेज पैसेंजर्स को किराये पर साइकिल देने की योजना हुई फ्लॉप
-अब तक एक भी पैसेंजर को किराये पर नहीं दी गई साइकिल -हेडक्वार्टर से हर बस स्टेशन पर उपलब्ध कराई गई हैं साइकिलें VARANASIसीएम अखिलेश यादव ने रोडवेज बस स्टेशन पर यात्रियों को किराये पर साइकिल देने की योजना का शुभारंभ चार माह पहले भले ही कर दिया हो लेकिन उनकी 'साइकिल' को किसी ने खास तवज्जो नहीं दी। हालांकि इसमें एक बड़ा रोल हेडक्वार्टर के ऑफिसर्स का भी है जो इस बेहतरीन प्लैन को अमलीजामा नहीं पहना सके। रोडवेज हेडक्वार्टर की ओर से सभी बस स्टेशन पर साइकिलें अवेलेबल कराई गई हैं ताकि दूर दराज व रूरल एरिया से सिटी में आने वाले रोडवेज पैंसेंजर्स बस से उतरते ही किराये पर साइकिल लेकर अपनी जरूरत को पूरा कर सकें। लेकिन इस योजना दम तोड़ती नजर आ रही है। क्योंकि चार माह से अधिक समय हो गया है लेकिन अब तक एक भी पैसेंजर को साइकिल किराये पर नहीं दी जा सकी है। अब इसे अवेयरनेस की कमी कह लें या फिर बनारस में रोड की हालात देख कोई साइकिल से चलना ही नहीं चाहता।
स्टैंड में क्क् साइकिलें फांक रहीं धूलकैंट रोडवेज बस स्टेशन के बाइक स्टैंड में ही साइकिलें खड़ी की गई हैं। टोटल क्क् साइकिलों को मोटे सीकड़नुमा चेन से बांधकर रखा गया है। बहुत दिनों से खड़ी इन साइकिलों की हवा भी निकल गई है। इनमें अब जंग भी लगना शुरू हो गया है। सोर्सेज बताते हैं कि जब से साइकिलें रोडवेज डिपो पर पहुंची हैं तब से एक बार भी किसी पैसेंजर को किराये पर नहीं दी गई हैं।
अवेयरनेस की कमी है वजह एक बात यह भी है कि बहुत से यात्रियों को पता ही नहीं है कि किराये पर साइकिल देने की कोई योजना भी रोडवेज में चल रही है। इसके लिए विभाग को बाकायदा प्रचार प्रसार करने की जरूरत है। ताकि किराये पर साइकिल लेने के लिए क्या प्रॉसेस है? इसकी जानकारी रोडवेज यात्रियों को हो सके। गायब होने का सता रहा डरसोर्सेज की मानें तो रोडवेज विभाग के ऑफिसर्स को खुद नहीं पता है कि किराये पर साइकिल देने के लिये क्या प्रॉसेस है? किस पैसेंजर को किस आधार पर साइकिल दिया जाये। हालांकि शुरुआत में यह बात सामने आई थी कि पैसेंजर्स के पास आईडी प्रूफ होने के साथ ही बस टिकट होना भी जरूरी है। तभी साइकिल मिलेगी। लेकिन रोडवेज के अधिकारियों को यह डर भी सता रहा है कि यदि फर्जी आईडी प्रूफ पर किसी ने साइकिल ले ली तो वह फिर शायद ही दोबारा रोडवेज बस स्टेशन पर आये।
अभी तक कोई यात्री साइकिल लेने के लिए पहुंचा ही नहीं है। यह हाल लखनऊ सहित कई शहरों का है। पीके तिवारी आरएम, रोडवेज कैंट बस स्टेशन हम तो रोज इन साइकिलों को देखते हैं लेकिन यह पता नहीं था कि यात्रियों को किराये पर देने के लिए यह रखी गई हैं। पहली बार आपके जरिये पता चला। दिनेश मुन्ना पैसेंजर हमे पता ही नहीं था कि रोडवेज बस स्टेशन पर साइकिल को किराये पर देने की भी कोई योजना है। अनिल मौर्य पैसेंजर, चकिया यह सुविधा तो बहुत अच्छी है, इसके बारे में फर्स्ट टाइम सुना आपके जरिये। अखिलेंद्र प्रताप सिंह पैसेंजर, सारनाथ किराये पर साइकिल भी मिलती है, इसकी जानकारी पहली बार हुई। अभी तक हमें पता ही नहीं था। विजय सिंह, सिंगरौली रोडवेज कैंपस में बहुत दिनों से इन साइकिलों को देख रहा हूं। लेकिन यह नहीं पता था कि इन्हें किराये पर भी दिया जाता है। देवेंद्र कुमार पैसेंजर