आरयू के 'भूत बंगले' में लौटेगी रौनक
-सेंट्रल रिसर्च लैब को शुरू कराने के लिए वीसी ने शुरू की पहल
-राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के को-ऑर्डिनेटर से मांगे सुझाव >BAREILLY :आरयू में वीसी के चेंज होते ही 'भूत बंगले' के नाम से मशहूर रिसर्च सेंट्रल लैब में फिर से रौनक लौटने की उम्मीद जगी है। आरयू वीसी ने राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के कोऑर्डिनेटर से सेंट्रल रिसर्च लैब को शुरू करने के सुझाव मांगे हैं। हालांकि तत्कालीन वीसी ने भी सेंट्रल रिसर्च लैब को शुरू करने के प्रयास किए थे, लेकिन रुसा के इनकार के चलते उनकी मंशा परवान नहीं चढ़ सकी थी। 2015 में भेजा था बजटरूसा ने आरयू को 2015 में एक करोड़ 83 लाख रुपए का बजट भेजा था। रूसा ने इससे सेंट्रल लैब बनाने के निर्देश यूनिवर्सिटी को दिए थे। आरयू के कोऑर्डिनेटर प्रो। एके सरकार ने रूसा को लेटर लिखा कि यूनिवर्सिटी में सेंट्रल रिसर्च लैब बना है। इसलिए बिल्डिंग के निर्माण कार्य के लिए आए बजट से सेंट्रल रिसर्च लैब के उपकरण खरीदने की अनुमति दी जाए। रूसा ने उपकरण खरीदने की अनुमति दे दी। 2016 में रूसा ने उपकरण खरीदने की अनुमति को निरस्त कर स्टूडेंट्स हित में निर्माण कार्य कराने के अादेश दिए।
बने हॉस्टल्स और टॉयलेटउपकरण खरीदने की अनुमति निरस्त होने के बाद आरयू ने रूसा से मिले बजट से दो टॉयलेट एक ब्वॉयज और एक गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण कार्य शुरू कराया, जो बजट के अभाव में अधूरे पड़े हुए हैं। आरयू ने रूसा से बजट की 25 प्रतिशत धनराशि जारी करने को लेटर ि1लखे हैं।
वीसी ने मांगे सुझाव आरयू वीसी प्रो। एके शुक्ला ने बताया कि सेंट्रल लैब को शुरू कराना उनकी प्राथमिकता में है। इसलिए उन्होंने रूसा के कोऑर्डिनेटर से सुझाव मांगे हैं कि सेंट्रल लैब को कैसे शुरू किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी के पास उपकरण खरीदने के लिए बजट होगा, तो उससे उपकरण खरीदे जाएंगे। बजट के अभाव में सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा। रूसा के कोऑर्डिनेटर से सेंट्रल लैब शुरू कराने के संबंध में सुझाव मांगे गए हैं। जल्द से जल्द सेंट्रल रिसर्च लैब चालू कराई जाएगी, ताकि स्टूडेंट्स और रिसर्च स्कॉलर्स को इधर-उधर नहीं भटकना पड़े। प्रो। एके शुक्ला, वीसी