फ्लोरिडा के कुछ शोधकर्ताओं का दावा है कि उन्‍हें ऐसा तरीका मिल गया है जो ब्रेस्‍ट और ब्‍लैडर के कैंसर के टिशूज को दोबारा बनने से रोक सकता है। ये तरीका बाकी तरह के कैंसर में कैसे असरदायक हो सकता है इस पर शोध जारी है।


एक तरह का कोड है ये तरीका वैज्ञानिकों ने कहा है कि ये एक नई तरह बॉयलॉजी है जो एक तरह का कोड या साफ्टवेयर उपलब्ध कराती है जिससे कैंसर को रोका जा सकता है। इसके बाद कैंसर सेल्स का निर्माण रुक जाता है और नए सेल्स विकसित होने लगते हें। फिलहाल इस कोड का प्रयोग ब्रेस्ट और ब्लैडर के कैंसर को रोकने के लिए किया जा सकेगा ले किन ये प्रयास जारी है जिससे बाकी तरह के कैंसर में इसका उपयोग किया जा सके। वैज्ञानिक इसे कैंसर से लड़ने की एक नयी स्ट्रेटिजी की तरह इस्तेमाल करने की तैयारी में हैं। रुक सकेगा कैंसर से होने वाली मौतों का सिलसिला


बावजूद इसके कि कैंसर से लड़ने के लिए कई आधुनिक दवाईयां बाजार में उपलब्ध हैं इसके बावजूद सिर्फ ब्रिटेन में ही हर साल करीब 150,000 जाने जाती हैं और कई लोग इसके चलते बेहद बुरी हालत में पुहंच जाते हैं। ऐसे में वैज्ञानिकों का मानना है कि भले ही अभी ये तकनीक अपने शुरूआती दौर में है लेकिन उम्मीद है कि भविष्य में इसकी मदद से कई जिंदगिंया बचायी जा सकेंगी और कैंसर से लड़ने वालों को बेहतर जिंदगी दी जा सकेगी। कैसे काम करेगी ये तकनीक

कैंसर की बाकी दवाईयों से हट कर ये तकनीक कैंसर सेल को मारने के प्रयास की बजाय उसे वापस नॉर्मल ट्रैक पर लाने की कोशिश करेगी। मतलब अब तक जो दवायें आयी हैं उनसे इफेक्टेड कैंसर वाले टिशूज को खत्म तो कर दिया जाता था पर नए टिशूज का निर्माण और कैंसरर्स टिशु के संपर्क में आने वाले सेल्स में संक्रमण नहीं रुक पाता था पर सुनने में आया है कि इस तकनीक में प्रभावित सेल्स को ही वापस सामान्य में बदलने की कोशिश की जायेंगी जिससे संक्रमण के साथ पुराने हिस्सों के अलग हाने पर पड़ने वाले साइड इफेक्टस से बचा जा सके।

 

Posted By: Molly Seth