राज्यसभा सेलेक्ट कमिटी ने इंश्योरेंस पर रिपोर्ट सौंप दी है. सेलेक्ट कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में री-इंश्योरेंस की परिभाषा में बदलाव का सुझाव दिया है. सेलेक्ट कमिटी ने 49 फीसदी की सीमा सभी तरह के एफडीआई और एफपीआई पर लागू करने की सिफारिश की है. सबसे खास बात यह है कि राज्यसभा सेलेक्ट कमिटी के हेल्थ इंश्योरेंस रिपोर्ट को पेश करने के बाद इंश्योरेंस कंपनियों के शेयरों में जोरदार उछाल देखने को मिल रहा है.


नियम बनाने की सिफारिशसेलेक्ट कमिटी ने नई इक्विटी के जरिए कैपिटल बेस बढ़ाने की सिफारिश की है। हेल्थ इंश्योरेंस के लिए 100 करोड़ रुपये की पूंजी अनिवार्य करने की सिफारिश की है. इसके साथ ही आईआरडीए और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को हेल्थ इंश्योरेंस नियम बनाने की सिफारिश की है. इंश्योरेंस एक्ट में कंट्रोल की परिभाषा को बहुत जरूरी बताया गया है. वहीं नियमों के आधार पर आईआरडीए को हेल्थ इंश्योरेंस रेगुलेशन तैयार करने की सिफारिश की है.कंपनियों के शेयरों में उछालराज्यसभा सेलेक्ट कमिटी के हेल्थ इंश्योरेंस रिपोर्ट को पेश करने के बाद इंश्योरेंस कंपनियों के शेयरों में जोरदार उछाल देखा जा रहा है. मैक्स इंडिया का शेयर 8 फीसदी ऊपर है. वहीं, रिलायंस कैपिटल 3 फीसदी, AB नूवो और L&t फाइनेंस का शेयर 1.5 फीसदी ऊपर कारोबार कर रहा है.मौजूदा कानून है कठिन
इस संबंध में बजाज फिनसर्व के संजीव बजाज का कहना है कि इस क्षेत्र में नए कानून के आने से इश्योरेंस सेक्टर को लंबी अवधि में काफी सुविधा होगी क्योंकि वर्तमान में देखा जाए तो मौजूदा कानून में काफी जटिलताएं हैं, जबकि नए कानून में काफी सहूलियते हैं. वहीं एपी एडवाइजर्स के अश्विन पारिख का कहना है कि नए कानून के आने से इंशोरेंस सेक्टर में नए दरवाजे भी खुलेंगे.

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Posted By: Satyendra Kumar Singh