देख लड़कियों के रंग, सभी हुए दंग
- i next की ओर से आयोजित वूमन सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग वर्कशॉप का हुआ समापन
- गर्ल्स और लेडीज की परफार्मेस देख चौंके सभी, सभी पार्टिसिपेंट्स को मिला सर्टिफिकेट VARANASI: ज्यादातर सिर्फ चेहरे से ही नहीं बल्कि रीयल लाइफ में भी बेहद शर्मीली थीं। चेहरे की मासूमियत भी नेचुरल थी। लेकिन जब उन्होंने ड्रामेटिक अंदाज में पास आने वालों पर बेहद फुर्ती से वार कर उसे धूल चाटने के लिये मजबूर किया तो हर कोई दंग रह गया। लगा ही नहीं कि इन कोमल हाथ-पैरों में इतनी धार होगी। कुछ इसी तरह हैरान किया उन लड़कियों और महिलाओं ने जो आई नेक्स्ट की ओर से आयोजित हुए वूमेन सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग वर्कशॉप में ट्रेंड हुई थीं। गुरुवार को हुआ समापनलंका स्थिति ग्लोरियस एकेडमी में फिटेनस प्लेनेट के सहयोग से आयोजित इस फ्री ट्रेनिंग वर्कशॉप में करीब 80 छोटी बच्चियों से लेकर फ्भ् साल के ऊपर की महिलाएं भी शामिल थीं। ख्0 दिन तक इन्हें फिटनेस प्लेनेट के हेड अखिलेश रावत सहित उनके सहयोगी कुंजन मौर्या ने आत्मरक्षा के बचाव की ट्रेनिंग मार्शल आर्ट के जरिये दी। गुरुवार को इस कैम्प का समापन हुआ। इसमें ट्रेंड पार्टिसिपेंट्स ने अपनी कला का प्रदर्शन कर हर किसी को चौंकाया।
सर्टिफिकेट संग बंटा प्राइजसमापन समारोह के चीफ गेस्ट विधायक अजय राय थे जबकि गेस्ट ऑफ आनर के तौर पर अखिल भारतीय वैश्य महिला महासंगठन की अध्यक्ष अंजलि अग्रवाल मौजूद थीं। इन दोनों ने बेस्ट परफार्मर पांच पार्टिसिपेंट्स को शील्ड के साथ अन्य सभी को सर्टिफिकेट प्रदान किया। साथ ही आई नेक्स्ट के इस प्रयास की जमकर तारीफ की। स्कूल के प्रिंसिपल डॉ। जीसी तिवारी व डायरेक्टर शिवम तिवारी ने माना कि इस ट्रेनिंग से लड़कियों को काफी आत्मबल मिलेगा। इस मौके पर आई नेक्स्ट के सीनियर न्यूज एडीटर विश्वनाथ गोकर्ण व सीनियर मार्केटिंग मैनेजर एलके झा भी मौजूद रहे।
इस ट्रेनिंग के बाद मैं खुद में काफी कॉन्फीडेंस महसूस कर रही हूं। इस वर्कशॉप में अगर ना आती तो ये मेरी बड़ी भूल होती। - दीपाली अग्रवाल, स्टूडेंट मुझे लगता है कि ये ट्रेनिंग मेरे बहुत काम आयेगी। मुझे अगर आगे भी सीखने को चांस मिलेगा तो और सीखना चाहूंगी। - काम्या कुमारी, स्टूडेंट वर्कशॉप में जिस तरह से ट्रेनिंग दी गयी, वो बहुत अच्छा तरीका था। ख्0 दिन में ही मैं खुद को काफी स्ट्रॉन्ग फील रही हूं। - मनीषा पाठक, स्टूडेंटजिन्होंने वर्कशॉप को मिस किया है, वो समझ नहीं सकते कि उनका क्या नुकसान हुआ है। ये बेस्ट एक्सपीरियंस था मेरे लिये।
- सगोता दास, स्टूडेंट