शिवसेना की यूपी इकाई अब हिंदू परिवारों के लिए कुछ खास लेकर आ रही है. दरअसल शिवसेना ने यूपी में उन हिंदू परिवारों को 21 हजार रुपये नगद पुरस्‍कार के रूप में देने की घोषणा की है जिनके दस या दस से ज्‍यादा बच्‍चे हैं.

क्या है मकसद
इस पर शिवसेना का कहना है कि वह इस प्रयास के जरिए सूबे में दूसरे समुदायों के बढ़ते वर्चस्व को कम करना चाहते हैं. शिवसेना कार्यकर्ताओं ने विस्तार से बताया कि अन्य समुदायों में अनलिमिटेड बच्चे पैदा करने की छूट है. ऐसे में दूसरे समुदाय की जनसंख्या तो दिन दूनी और रात चौगुनी होती जा रही है. वहीं हिंदू समुदाय नियम कानूनों को मानकर दो ही बच्चों तक सीमित है. ऐसे में अन्य समुदाय में परिवार लगातार बढ़ते जा रहे हैं और हिंदुओं की संख्या उनके अनुपात में कम होती जा रही है.
 
पुरस्कार राशि के साथ मिलेगा सम्मान का प्रमाण पत्र भी
शिवसेना के यूपी अध्यक्ष अनिल सिंह ने बताया कि जिला इकाईयों को दस से ज्यादा बच्चे पैदा करने वाले परिवारों की पहचान करने को कह दिया गया है. ऐसे परिवारों को सम्मानित करने के लिए पार्टी नवबंर के अंत में एक कार्यक्रम का भी आयोजन करेगी. इन परिवारों को पार्टी की ओर से 'राष्ट्रहित में हिंदुओं की जनसंख्या बढ़ाने के लिए' लिखा संदेश वाला प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा.
सरकारी दवा केंद्रों पर बंद होंगी दवाएं
इसके साथ ही पार्टी जल्द ही परिवार नियोजन के खिलाफ आंदोलन चलाने जा रही है. आंदोलन के तहत पार्टी कार्यकर्ता पूरे प्रदेश में सरकारी दवा केंद्रों को पूरी तरह से बंद कराएंगे. इस पर अनिल सिंह ने कहा कि केवल हिंदू परिवार नियोजन अपना रहे हैं. वहीं दूसरी ओर अन्य समुदाय इसका उल्लंघन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह हिंदू परिवारों से आग्रह करते हैं कि जनसंख्या बढ़ाने का समय अब आ गया है. अगर हम ऐसा नहीं करते हैं तो हिंदू हाशिये पर आ जाएंगे.
घोषणा से राज्य में मचा सियासी बवाल
उधर, दूसरी ओर शिवसेना की घोषणा के बाद से राज्य में सियासी बवाल मचा हुआ है. समाजवादी पार्टी के राजेंद्र चौधरी ने कहा कि शिवसेना का इरादा सूबे में हिंसा को बढ़ावा देना जान पड़ रहा है, जबकि कांग्रेस के राशिद अल्वी ने कहा कि क्या शिवसेना को यह ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं लगता कि वह राज्य में एकता और सद़भावना को बढ़ावा दे.
शाही इमाम मुफ्ती मुकर्रम ने भी की बयान की निंदा  
नेताओं के अलावा फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ्ती मुकर्रम ने भी मामले पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि मुसलमानों ने कभी भी खुद को अल्पसंख्यक नहीं माना है. शिवसेना के प्रयासों की वह निंदा करते हैं. उनका कहना है कि लोगों को शांतिपूर्वक रहना चाहिए और हर तरह से देश सेवा के बारे में सोचना चाहिए.

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Posted By: Ruchi D Sharma