-एसआरएम प्रेजेंट्स दैनिक जागरण आई नेक्स्ट शेप योर ड्रीम सेमिनार में स्टूडेंट्स ने लिया टिप्स

-काशी विद्यापीठ के गांधी अध्ययन पीठ ऑडिटोरियम में एक्सप‌र्ट्स ने बेहतर करियर बनाने के सुझाये रास्ते

VARANASI

प्रत्येक स्टूडेंट अपने कॅरियर को लेकर सपने देखता है, लेकिन सही गाइडलाइन के अभाव में कई बार उन सपनों को आकार नहीं दे पाता। स्टूडेंट्स की इन्हीं समस्याओं को दूर करने के लिए शुक्रवार को एसआरएम प्रेजेंट्स दैनिक जागरण आई नेक्स्ट शेप योर ड्रीम सेमिनार का आयोजन हुआ। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ स्थित गांधी अध्ययन पीठ ऑडिटोरियम में सेमिनार में एक्सप‌र्ट्स ने स्टूडेंट्स को टिप्स दिए। इसके पहले दीप प्रज्वलन के साथ प्रोग्राम की शुरुआत हुई। इस मौके पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के जोनल एडिटोरियल हेड विश्वनाथ गोकर्ण, दैनिक जागरण वाराणसी के जीएम डॉ। अंकुर चड्ढा, सनबीम स्कूल भगवानपुर की प्रिंसिपल गुरुमीत कौर, एसआरएम चेन्नई कैंपस प्रोफेसर एमपी राजेश, सोनीपत कैंपस के असिस्टेंट प्रोफेसर राममूरत सिंह, अमरावती कैंपस के असिस्टेंट प्रोफेसर जी रेड्डी, मोटिवेटशनल गुरु जितिन चावला व मार्केटिंग हेड योगेश सिंह मौजूद रहे। संचालन एडिटोरियल हेड डॉ। रविंद्र पाठक ने किया।

खुद को पहचानें और प्रयास करें

सेमिनार में स्टूडेंट्स को मोटीवेशनल गुरू जितिन चावला ने करियर को सही शेप देने का टिप्स दिया। उन्होंने बारहवीं के बाद कौन से फील्ड में करियर बनाना बेहतर होगा, इसके लिए कितना और किस तरह पढ़ाई करनी चाहिए। जैसे उलझे सवालों का जवाब एक-एक कर स्टूडेंट्स के सामने रखा। यही नहीं इंजीनियरिंग के विभिन्न ब्रांचेज के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने विभिन्न कोर्सेज सहित इंजीनियरिंग करने के बाद दुनिया में टॉप पोजीशन पर बैठे लोगों का उदाहरण भी दिया। कहा कि आज हर डेवलपमेंट में इंजीनियरिंग शामिल है। पेटीएम, फ्लिपकार्ट, ओला जैसी सुविधाओं को स्टार्ट करने वाले इंजीनियर ही हैं। उन्होंने स्टूडेंट्स को बताया कि कैसे इंडियन ब्रेन दुनिया के विभिन्न देशों में राज कर रहा है। यह सब इंजीनियरिंग की ही देन है, सफलता के लिए खुद को पहचाने और भीड़ से अलग करने की कोशिश करें। कहा कि कॅरियर का सेलेक्शन करते समय खुद पर विश्वास करके सही दिशा में कदम बढ़ाएं। दिखावे के लिए पढ़ाई करने से बचें।

आसान नहीं है सक्सेस

सक्सेस प्राप्त करना आसान नहीं है। जो आज शिखर पर हैं उसके पीछे उन्होंने बहुत हार्ड वर्क किया है। जिसे हम सब नहीं देखते। यह विचार सनबीम स्कूल, भगवानपुर की प्रिंसिपल गुरुमीत कौर ने व्यक्त किया। उन्होंने स्टूडेंट्स को लाइफ में सक्सेस होने के कई टिप्स दिए। स्लाइड शो के थ्रू उन्होंने एक-एक कर सभी प्वाइंट्स पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही स्टूडेंट्स को अच्छे रिजल्ट के लिए टाइम फिक्स करने, मेडिटेशन, सिलेबस, वीक प्वाइंट, टाइम मैनेजमेंट पर ध्यान देने को कहा।

बताई एसआरएम की खूबियां

एसआरएम मेन कैंपस केमिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट, चेन्नई के प्रोफेसर एमपी राजेश ने यूनिवर्सिटी के कैरीकुलम और उसकी रिसर्च बेस्ड लर्निग के बारे में जानकारी दी।

-यूनिवर्सिटी में लर्निग के नए तरीके और रिसर्च का नतीजा यह रहा कि हाल में ही इसरो के साथ मिलकर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर्स व स्टूडेंट्स ने सेटेलाइट लांच में अहम भूमिका अदा की।

-एसआरएम यूनिवर्सिटी ने स्टूडेंट्स के लिए मेजर व माइनर कॉम्बिनेशन को इंट्रोड्यूज किया है। जिसमें स्टूडेंट्स किसी भी ब्रांच में पढ़ाई के अलावा एक पेपर बीटेक के किसी अन्य ब्रांच का माइनर पेपर सलेक्ट कर सकता है।

-एसआरएम यूनिवर्सिटी में सैप यानी सेमेस्टर अब्रॉड प्रोग्राम भी शामिल किया गया है। इसके जरिए स्टूडेंट्स एक सेमेस्टर की पढ़ाई फॉरेन यूनिवर्सिटी के साथ कर सकता है।

-डुएल डिग्री प्रोग्राम के अन्तर्गत एसआरएम यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स को बीटेक डिग्री प्रदान करती है। साथ ही स्टूडेंट्स को फॉरेन यूनिवर्सिटी का डिप्लोमा भी मिलता है।

-यूनिवर्सिटी में कई रिसर्च प्रोग्राम चलते हैं। वर्तमान में हाईड्रोजन या अल्टरनेटिव एनर्जी के जरिए इंजन को चलाने पर वर्क चल रहा है। सन् 2020 तक यह लोगों के सामने आ जाएगा।

-स्टूडेंट्स के लिए डिफरेंट इवेंट्स और एक्टिविटीज चलती रहती हैं। इससे स्टूडेंट्स में सॉफ्ट स्किल डेवलप करने में हेल्प मिलती है।

आज स्टूडेंट्स सपने तो बड़े-बड़े देखते हैं लेकिन उस दिशा में सही तरीके से प्रयास नहीं करते। यदि वे प्रॉपर प्रयास करें तो कुछ भी मुश्किल नहीं है। आज इंजीनियरिंग के बगैर डेवलपमेंट के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता। जबकि स्टूडेंट्स कुछ चुनिंदा ब्रांचेज के बारे में ही जानते हैं और उसके पीछे भागते हैं। कभी भी अपनी योग्यता से अलग करियर के लिए प्रयास नहीं करना चाहिए। जहां मन लगे वही करना बेहतर होगा। यदि पढ़ाई करने के बाद भी जॉब न करने का मन करे तो इससे परेशान होने की जरूरत नहीं है। नौकरी से बेहतर किया जा सकता है। कभी भी सक्सेस पाने को शॉर्टकट न अपनाएं, बल्कि हार्डवर्क पर ही सबसे अधिक भरोसा करें।

जितिन चावला

मोटीवेशनल गुरू

पढ़ाई करने के साथ स्टूडेंट्स को अपनी आंख, कान व माइंड खोलकर रखना होगा। सिर्फ कोर्स की पढ़ाई करके पास तो हुआ जा सकता है लेकिन सक्सेस नहीं। यही नहीं अच्छे रिजल्ट के लिए अच्छा प्लान बनाना होगा। स्कूल के साथ घर पर भी पढ़ना होगा। घर पर पढ़ने के लिए टाइम फिक्स करना होगा। ऐसा नहीं कि जब मन में आया तब पढ़ लिया। पेरेंट्स को दिखाने के लिए पढ़ाई करते हैं तो बंद कर दें। इससे भला नहीं होने वाला है। कम से कम स्कूल में हुई पढ़ाई को घर पर रिवीजन कर लेना चाहिए।

गुरुमीत कौर, प्रिंसिपल

सनबीम स्कूल, भगवानपुर

एसआरएम कैंपस में स्टूडेंट्स को केवल कागज का सर्टिफिकेट ही नहीं पकड़ाया जाता बल्कि उनको सर्वागीण विकास का मौका दिया जाता है। ताकि वे यहां से पढ़ाई करके निकलने के बाद दुनिया के किसी भी देश में अपने को पू्रव कर सकें। यूनिवर्सिटी के प्रत्येक कैंपस में स्टूडेंट्स को पढ़ने और बढ़ने का पूरा चांस मिलता है। यही वजह है कि यहां से पासआउट स्टूडेंट्स अपने नाम के साथ ही यूनिवर्सिटी का भी नाम रौशन कर रहे हैं।

प्रो। एमपी राजेश, एचओडी, केमिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट, चेन्नई मेन कैंपस

राजीव गांधी एजुकेशन सिटी में सबसे बड़ा कैंपस एसआरएम सोनीपत का है। यहां रिसर्च पर अधिक फोकस होता है। स्टूडेंट्स के लिए कैंपस में सभी प्रकार के रिसर्च एंड लॉ, मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग, कॉमर्स, साइंस व ह्यूमैनिटीज के कोर्सेज अवेलेबल हैं। इसमें बैचलर, मास्टर कोर्सेज के साथ ही पीएचडी करने की सुविधा है। भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी की सहायता से यूनिवर्सिटी में डीएसटी इंस्पायर प्रोग्राम का भी आयोजन किया गया है।

रामसूरत सिंह

असिस्टेंट प्रोफेसर, एसआरएम, सोनीपत

एसआरएम यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स के लिए ड्यूल डिग्री प्रोग्राम की व्यवस्था है। इसके जरिए स्टूडेंट्स बीटेक की डिग्री के साथ ही एसआरएम से जुड़ी विदेश की किसी यूनिवर्सिटी के साथ डिप्लोमा भी हासिल कर सकते हैं। यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स के लिए सॉफ्ट स्किल डेवलप करने की व्यवस्था भी है। इसमें उन्हें फ‌र्स्ट ईयर से ही ट्रेनिंग दी जाती है। उनका कॉन्फिडेंस बढ़ाने के लिए कई तरीके की सुविधाएं दी गई हैं। इससे वह कैट, यूपीएसई जैसी प्रतियोगिताओं की तैयारी भी कर सकते हैं।

जी रेड्डी, असिस्टेंट प्रोफेसर, अमरावती कैंपस

सफलता के मूलमंत्र

-खुद में एनालिटिकल अप्रोच लाएं, सवाल पूछना सीखें।

-भीड़चाल में शामिल होने के बजाए खुद का थॉट प्रोसेस डेवलप करें।

-जो भी कॅरियर सेलेक्ट करें, उसमें पूरे पैशन के साथ बढ़ें।

-सब्जेक्ट्स के फंडामेंटल क्लीयर रखें

एग्जाम में सफलता के लिए रणनीति के साथ पढ़ाई करें।

Posted By: Inextlive