- अप्लाइड केमिस्ट्री को जनरल केमिस्ट्री की कैटेगरी में नहीं रख रहा यूपीएचईएससी

- अप्लाइड केमिस्ट्री से एमएससी कर चुके स्टूडेंट्स को गवर्नमेंट जॉब की वैकेंसी में नहीं मिल रही जगह

बरेली : आरयू में अप्लाइड केमिस्ट्री से एमएससी कर रहे स्टूडेंट्स को गवर्नमेंट जॉब की चिंता सता रही है। यह चिंता यूं ही नहीं है, बल्कि उनके सामने ऐसे उदाहरण हैं, जिसमें अप्लाइड केमिस्ट्री से पास एसएससी के स्टूडेंट्स को असिस्टेंट प्रोफेसर की निकली वैकेंसी में रिटेन एग्जाम के बाद इंटरव्यू में शामिल नहीं होने दिया गया। आरयू के एक सीनियर स्टूडेंट ने बताया कि केमिस्ट्री के लिए निकली गवर्नमेंट वैकेंसी में न सिर्फ अप्लाई किया बल्कि रिटेन भी क्वालीफाई कर लिया लेकिन इंटरव्यू में मौका नहीं दिया गया। यह मौका सिर्फ केमिस्ट्री वालों को मिला। आरयू के और भी स्टूडेंट्स हैं जिनके सामने भी यही प्रॉब्लम आई। अब मौजूदा सत्र में पढ़ रहे स्टूडेंट्स टेंशन में पढ़ाई कर रहे हैं।

अप्लाइड केमिस्ट्री-केमिस्ट्री में डिफरेंस

अप्लाइड केमिस्ट्री एडवांस है। इसका सिलेबस जनरल केमिस्ट्री से रिच है। इसलिए स्टूडेंट इसमें एडमिशन लेते है। यूनिवर्सिटी का कहना है कि वैसे ऐसी कोई प्रॉब्लम नहीं आनी चाहिए। यह अच्छा कोर्स है। बेहतरी के लिए ही सोचकर कोर्स शुरू किए जाते हैं। यूजीसी से मान्य है। चयन आयोग की ओर से यह समस्या खड़ी की जा रही है। अप्लाई फिजिक्स, मैथ्य व अन्य अप्लाइड कोर्सेज को मान्यता मिल रही है।

मामूली संशोधन कर छुड़ाया पीछा

यूनिवर्सिटी में बार-बार शिकायत आने पर एक मामूली सा संशोधन कर इतिश्री कर ली गई। मार्कशीट में अप्लाइड केमिस्ट्री के आगे ब्रैकेट में केमिस्ट्री लिख दिया गया, लेकिन इससे बात नहीं बनी। समस्या अभी भी आ रही है। यह कोर्स कंसीडर ही नहीं किया जा रहा।

तीन दिन पहले किया था प्रदर्शन

तीन दिन पहले स्टूडेंट्स ने इस समस्या को लेकर आवाज बुलंद की थी। कैंपस में धरना प्रदर्शन के बाद वीसी का घेराव किया था। स्टूडेंट्स ने पत्र सौंपकर जल्द समाधान की मांग उठाई थी। वीसी ने आश्वासन दिया था। वहीं आपको बता दें यह प्रदर्शन कोई नया नहीं है। इससे पहले भी यह समस्या उठाई गई थी।

- हमारे सीनियरर्स को गवर्नमेंट जॉब नहीं मिल रही है। इससे हमें चिंता है। अप्लाई केमिस्ट्री ले लिया, पहले पता होता तो केमिस्ट्री से ही एमएससी करते हैं। कोई समाधान निकाला जाए ताकि हमें आगे कोई दिक्कत न हो। यह हमारे फ्यूचर की बात है, इसलिए यह बड़ी समस्या है। इसे यूनिवर्सिटी को गंभीरता से लेना चाहिए।

- निहार त्यागी, स्टूडेंट

मैं 2014 के बैच की हूं। यह सोचकर अप्लाइड केमिस्ट्री से एमएससी किया था, कि यह जनरल केमेस्ट्री से बेहतर है। लेकिन अब समस्या सामने आ रही है। हमें गवर्नमेंट जॉब नहीं मिल रही है। मैंने पीजीटी का रिटेन दिया है। अब देखना है कि इंटरव्यू में मौका मिलता है या नहीं

- सोनम, कैंडिडेट

मैं 2014 बैच का हूं। उत्तरप्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग की ओर से 2016 में असिस्टेंट प्रोफेसर की वैकेंसी आईं थी। जनवरी 2019 में रिटेन एग्जाम हुआ। इसके बाद 31 जुलाई को इंटरव्यू था, जिसमें शामिल नहीं होने दिया गया। यूनिवर्सिटी की ओर से लिखित में देने के बाद भी कई लोगों को मौका नहीं मिला है।

- कैलाश चंद्र, कैंडिडेट

- यह जनरल केमिस्ट्री से एडवांस है। एक बेहतर कोर्स है। इसका सिलेबस भी रिच है। ऐसे में, समस्या नहीं आनी चाहिए। लेकिन फिर भी अगर आ रही है, तो हम समाधान करेंगे।

- निवेदिता श्रीवास्तव, एचओडी, अप्लाइड केमिस्ट्री

Posted By: Inextlive