उत्तर प्रदेश में लखनऊ की एक अदालत ने सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को चार मार्च तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है और उन्हें लखनऊ के कुकरैल फॉरेस्ट गेस्ट हाउस में रखा गया है.


सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी ग़ैर ज़मानती वारंट के बाद उन्हें गिरफ़्तार किया गया था. अब चार मार्च को उन्हें सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जाएगा.शुक्रवार सुबह से ही हुए कई नाटकीय घटनाक्रमों के बीच सुब्रत रॉय को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आनंद कुमार यादव की अदालत में पेश किया गया.एडवोकेट रवि सिंह सिसोदिया ने बीबीसी को बताया कि अदालत में जज ने सुब्रत रॉय से पूछा कि आपको कुछ कहना है, इस पर उन्होंने कहा- मैं क़ानून का पूरा सम्मान करता हूं और क़ानून का पालन करने के लिए हमेशा तैयार हूं.कोर्ट ने पूछा-कुछ और कहना है. उन्होंने कहा- नहीं.सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय ने शुक्रवार की सुबह पुलिस के सामने समर्पण कर दिया था, लेकिन कई घंटों तक लखनऊ स्थित अपने निवास सहारा शहर में रहने के बाद वे अदालत की ओर रवाना हुए.


अदालत में छुट्टी होने के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आनंद कुमार यादव तीन बजे से ही अदालत में मौजूद थे, लेकिन क़रीब सवा दो घंटे बाद अब सुब्रत रॉय अपने निवास सहारा सिटी से अदालत की ओर निकले.गिरफ़्तारी

सहारा समूह के बयान में कहा गया कि सुब्रत रॉय की मां की तबीयत बहुत नाज़ुक है और उन्हें अपनी मां के पास रहने की ज़रूरत है.क्या है मामला?यह मामला निवेशकों को उनके 20 हजार करोड़ रूपए नहीं लौटाए जाने से संबंधित है.सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले की सुनवाई में सेबी को निवेशकों के पैसों की वसूली के लिए कंपनी की संपत्ति की बिक्री करने की इजाज़त दी थी.केएस राधाकृष्णन और जेएस खेहर की खंडपीठ ने सेबी को पिछली सुनवाई में यह निर्देश दिया था कि वह निवेशकों के 20 हजार करोड़ रूपए की उगाही के लिए सहारा ग्रुप की संपत्ति को बेच दे.सहारा समूह पर निवेशकों के 20 हजार करोड़ रूपए बकाया हैं.सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त , 2012 में दिए गए अपने फैसले में सेबी को पैसों की वसूली के लिए सहारा कंपनी की संपत्ति की कुर्की करने का आदेश दिया था.

Posted By: Subhesh Sharma