स्विटजरलैंड के डावोस में वर्ल्‍ड इकॉनोमिक फोरम में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने भारत सरकार द्वारा केरोसिन और एलपीजी पर दी जाने वाली सब्सिडी को तर्कसंगत बनाने की बात कही. इसके साथ ही वित्तमंत्री ने कराधान ढांचे की विश्‍वसनीयता बहाल करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाने के भी संकेत दिए.


बढ़ाई जाएगी कराधान की विश्वसनीयतावर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के दौरान ग्लोबल इंवेस्टर्स को आकर्षित करने के लिए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने भारतीय कराधान प्रक्रिया में विश्वसनीयता लाने की बात कही. उन्होंने कहा कि ऐसे कदम उठाए जाएंगे जिससे भारतीय कराधान प्रकिया में विश्वसनीयता लौट सके. इसके साथ ही वित्तमंत्री ने भारत सरकार की राजकोषीय योजना की रूपरेखा पेश करते हुए कहा कि भारत सरकार सब्सिडी को पूरी तरह खत्म नहीं कर सकती है लेकिन इसे तर्कसंगत जरूर बनाया जा सकता है. इससे सरकारी खर्च को कम किया जा सकता है. गौरतलब है कि भारत सरकार रसोई गैस और केरोसिन ऑयल पर सब्सिडी देती है. तर्कसंगत होगी सब्सिडी
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भारत सरकार ने सब्सिडी को तर्कसंगत बनाने पर काम करना शुरु भी कर दिया है. उन्होंने कहा कि एक जनवरी से रसोई गैस पर दी जाने वाली सब्सिडी को सीधे ग्राहकों के बैंक खातों में देना शुरू कर दिया गया है. इस प्रक्रिया में सरकार का पहला लक्ष्य यह है कि सभी एलपीजी ग्राहकों के बैंक खातों को सरकारी खाते से जोड़ा जाए जिससे सभी ग्राहकों के बैंक खातों में सब्सिडी ट्रांसफर की जा सके. इसके बाद अगला स्टेप यह होगा कि उन लोगों को सब्सिडी स्कीम से अलग किया जाए जो सब्सिडी प्राप्त करने की सीमा से ऊपर आते हैं. इसके बाद वित्तमंत्री केरोसिन पर दी जाने वाली सब्सिडी पर बात की. वित्तमंत्री ने कहा जिन क्षेत्रों में बिजली अवेलेबल नहीं है वहां केरोसिन का इस्तेमाल ईधन और रोशनी दोनों के रूप में होता है. लेकिन कई क्षेत्रों में केरोसिन पर मिलने वाली सब्सिडी का गलत प्रयोग भी हो रहा है. ऐसे में सब्सिडी सुधार का अगला चरण केरोसिन सब्सिडी के रूप में होगा.

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Posted By: Prabha Punj Mishra