- पास कराने के लिए कैंडीडेट्स को दे रहे हैं झांसा

- उठा रहे हैं नकल कराने का ठेका

क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ: एसएससी एग्जाम में गड़बडि़यों को अंजाम देने के बाद शरारती तत्वों की नजर अब सीबीएसई की नेट और जेआरएफ एग्जाम पर है। हालांकि नेट और जेआरएफ एग्जाम की चाक-चौबंद व्यवस्था में सेंध लगाना उनके लिए आसान नहीं होगा। बावजूद इसके वे कैंडीडेट्स को पास करने का दावा कर रहे हैं और इसका जिम्मा भी ले रहे हैं। बरेली में एसएससी एग्जाम सिक्योरिटी के लिए डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने पुख्ता इंतजाम किए थे। बावजूद इसके दो बार पेपर लीक हो गए थे। पहली बार सीबीएसई नेट और जेआरएफ कंडक्ट करा रहा है। वहीं काफी वर्षो के बाद आरयू को दोबारा कोऑर्डिनेटिंग यूनिवर्सिटी बनाया गया है। ऐसे में डिस्ट्रिक्ट व पुलिस एडमिनिस्ट्रेशन और यूनिवर्सिटी इंतजामों को लेकर काफी अलर्ट है। गड़बड़ी हुई तो फिर से यूनिवर्सिटी से एग्जाम कंडक्ट कराने का जिम्मा छिन सकता है।

15 सेंटर्स पर होगा एग्जाम

सीबीएसई की नेट और जेआरएफ के लिए सिटी में 15 सेंटर्स बनाए गए हैं। जिनमें से आरयू में दो, बरेली कॉलेज में 4, महाराजा अग्रसेन में 2, केसीएमटी में 2, फ्यूचर में 2 इसके अलावा बीबीएल और जय नारायण इंटर कॉलेज मेन सेंटर्स हैं। इन सेंटर्स पर एग्जाम के लिए करीब 9,424 कैंडीडेट्स ने रजिस्ट्रेशन कराया है। 28 दिसम्बर को दो पालियों में तीन पेपर्स के एग्जाम कंडक्ट किए जाएंगे। पहली पाली सुबह 9:30 से 12 बजे तक और दूसरी पाली 1:30 से 4 बजे तक होगी।

स्टूडेंट्स लीडर्स हो गए हैं सक्रिय

कई वर्षों के बाद जब आरयू के पास दोबारा एग्जाम कंडक्ट कराने की जिम्मेदारी आई तो खुराफात के लिए मशहूर शहर के स्टूडेंट्स लीडर्स भी सक्रिय हो गए हैं। वे कैंडीडेट्स को झांसे में ले रहे हैं। उनको पास कराने का भरोसा दिला रहे हैं। वे दावा कर रहे हैं कि उनकी अंदर तक पहुंच है। सेटिंग के बल पर उनको नकल करा सकते हैं। इसके ऐवज में वे मोटी रकम की डिमांड कर रहे हैं। ये स्टूडेंट्स लीडर्स कोई और नहीं यूनिवर्सिटी और कॉलेज कैंपस के ही हैं, जो एलएलबी, एमएससी और एमएड के इंट्रेंस टेस्ट में भी पास कराने का ठेका उठाते हैं।

सॉल्वर बिठाने का दावा

ये स्टूडेंट्स लीडर्स एग्जाम में सॉल्वर बिठाने का दावा कर रहे हैं। कैंडीडेट्स से दावा कर रहे हैं कि उनका जिस रूम में सेंटर पड़ेगा उसी में सॉल्वर बिठाएंगे। सॉल्वर ही उनको नकल कराकर पास करवाएंगे। कैंडीडेट्स को बाकायदा अपनी मोडस ओपरेंडी का खुलासा भी कर रहे हैं। इसके लिए वे उनसे मोटी वसूली कर रहे हैं। एक कैंडीडेट से पास कराने के लिए 20 से 40 हजार रुपए तक डिमांड कर रहे हैं। जो मान गया उसका रजिस्ट्रेशन भी अपने तरीके से कराया। उन्होंने कई कैंडीडेट्स का रजिस्ट्रेशन एक साथ कराया। ताकि जब रोल नम्बर अलॉट हो तो वो सिरीज में हो।

सीटिंग प्लान के जरिए देंगे झांसा

बोर्ड ने नेट और जेआरएफ में अपीयर होने वाले कैंडीडेट्स को कई सुविधाएं दी हैं। फॉर्म तो पूरी तरह से ऑनलाइन भराया ही गया है। वहीं एडमिट कार्ड भी केवल ऑनलाइन ही दिए जाएंगे। यही नहीं वेबसाइट पर कई दिन पहले सीटिंग प्लान भी जारी हो जाएगा। वेबसाइट के माध्यम से पता चला जाएगा कि कौन सी रोल नम्बर की सीरिज किस सेंटर पर गई है। स्टूडेंट्स लीडर्स इसका भी फायदा उठाने की फिराक में हैं। वे रोल नम्बर की सीरिज पता कर कैंडीडेट्स को पूरा प्लान समझाएंगे। किस सेंटर पर एक रूम में किस सीरिज के रोल नम्बर के कैंडीडेट्स बैठेंगे और उनके बीच उनका एक सॉल्वर पहले से ही तैयार होगा। ऐसे कई हथकंडों के सहारे उन्होंने कैंडीडेट्स को झांसे में लिया है।

आसान नहीं है सेंध लगाना

स्टूडेंट्स लीडर्स चाहे कितना भी दावा कर लें। लेकिन नेट और जेआरएफ एग्जाम में सेंध लगाना इतना आसान नहीं होगा। यूनिवर्सिटी का दावा है कि एलएलबी, एमएससी और एमएड के इंट्रेंस टेस्ट की बात और है। इसका पूरा इंतजाम दिल्ली स्थित बोर्ड कर रहा है। यूनिवर्सिटी का मानना है कि यदि कोई स्टूडेंट्स लीडर्स सेंध लगाने का दावा भी करता है तो वह बेवकूफी भरा होगा।

दिल्ली से दिए गए निर्देश

एग्जाम में लॉ एंड ऑर्डर की व्यवस्था करने के लिए बोर्ड की तरफ से डीएम और एसएसपी को निर्देश दिए गए हैं। उन्हें ही सेंटर्स पर पुख्ता इंतजाम करना है। पुलिस व्यवस्था, सीसीटीवी कैमरे, जैमर, सेक्टर मजिस्ट्रेट समेत जोनल मजिस्ट्रेट की तैनाती उन्हीं को करना है। यूनिवर्सिटी को भी इसके बारे में अभी खास इंफॉर्मेशन नहीं है।

एग्जाम को लेकर सारा इंतजाम दिल्ली से किया जा रहा है। इसमें स्टूडेंट्स लीडर्स की सेंधमारी आसान नहीं है। उनके दावे बेमानी हैं। नई दिल्ली से डीएम और एसएसपी को सिक्योरिटी प्रोवाइड कराने के लेटर आ गए हैं। सिक्योरिटी का क्या प्रारूप रहेगा यह उन्हें ही तय करना है।

-प्रो। वीपी सिंह , कोऑर्डिनेटर, नेट व जेआरएफ एग्जाम

Posted By: Inextlive