सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने कहा है कि सरकार को क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले व्यक्तियों को एमपीएमएलए या कैबिनेट मिनिस्टर नहीं बनाना चाहिए. इस समय नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में भी ऐसे मंत्री हैं जिन पर आपराधिक केस दर्ज हैं. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आखिरी फैसला पीएम पर ही छोड़ दिया है.

प्रधानमंत्री को ऑर्डर नहीं दे सकते: सुप्रीम कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री को ऑर्डर नहीं दिया जा सकता इसलिए वह खुद फैसला लें कि जिनके खिलाफ केस चल रहे हैं, उन्हें मिनिस्टर बनाए रखा जाए या नहीं. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने पीएम को सलाह दी है कि कैबिनेट में साफ-सुथरी छवि के लोगों को जगह दी जानी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि करप्शन देश का दुश्मन है और संविधान के संरक्षक की हैसियत से प्रधानमंत्री से उम्मीद की जाती है कि वह क्रिमिनल या करप्ट लोगों को मिनिस्टर न बनाएं.

मोदी के 14 मंत्रियों की क्रिमिनल हिस्ट्री

नरेंद्र मोदी की सरकार में 14 ऐसे मंत्री हैं, जिन पर क्रिमिनल केसेज हैं. केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती के खिलाफ 13 केस दर्ज हैं. जिनमें से छह रॉएट्स और दो मर्डर से रिलेटेड हैं. ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी के खिलाफ चार केस हैं, जिनमें से एक मामला धमकी देने का और दो गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा होने का है. रुरल डेवलपमेंट मिनिस्टर मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ चार केस दर्ज हैं. कुशवाहा के खिलाफ दर्ज मामलों में से एक मामला घूसमांगने का भी है. कंज्यूमर अफेयर्स राव साहेब दादाराव दांवे पर चार केस दर्ज हैं. इनमें से दो मामले रॉएट्स से जुड़े हुए और दो हमला करने को लेकर है. इनके अलावा डॉ हर्षवर्धन, धर्मेंद्र प्रधान, जनरल वीके सिंह, जुअल ओरांव, मेनका गांधी, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रकाश जावड़ेकर, रामविलास पासवान और संजीव कुमार बालयान भी केसेज दर्ज हैं.

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Posted By: Shweta Mishra