गुजरात के वडोदरा शहर में तनाव बरकरार है. अभी तक फ‍िलहाल किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है. हिंसा के चलते पुलिस ने अब तक दो सौ लोगों को गिरफ्तार किया है. तनाव को ध्‍यान में रखते हुए सरकार ने वडोदरा में तैनात रह चुके आधा दर्जन आईपीएस अफसरों को शहर में कैंप करने के लिए भेजा है.

कांग्रेस ने ठहराया पुलिस को जिम्मेदार
कांग्रेस ने शहर में हिंसा के लिए पूरी तरह से पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है. ऐसे में कांग्रेसी नेताओं ने पुलिस आयुक्त ई राधाकृष्ण के तबादले की मांग की है. गौरतलब है कि राधाकृष्ण को पूर्व आयुक्त सतीश शर्मा की जगह नियुक्त किया गया था.
क्या है मामला
गौरतलब है कि फेसबुक पर एक भड़काऊ पोस्ट के बाद गुरुवार को वडोदरा के यकूतपुरा, पंजरापोल, फतेहपुरा और कुम्भारवाड़ा इलाके में दो समुदायों के लोगों के बीच हिंसक झड़पें शुरू हो गई थीं. इसके बाद शनिवार रात चाकूबाजी की घटना के बाद दो समुदाय के लोग फिर से आमने-सामने आ गए थे.
बढ़ी सुरक्षा व्यवस्था  
पुलिस उपायुक्त डीजे पटेल ने बताया कि हिंसा के सिलसिले में 200 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इनमें कुछ लोगों को एहतियातन गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि सोमवार को शहर के किसी भी हिस्से में हिंसा की कोई वारदात नहीं हुई. सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए एसआरपीएफ की 13 कंपनियों के अलावा बीएसएफ, सीआरपीएफ और रैपिड एक्शन फोर्स की एक-एक कंपनियों को तैनात किया गया है. पूर्व में वडोदरा की कमान संभाल चुके छह वरिष्ठ आइपीएस अधिकारियों को भी लगाया गया है. गुजरात के मंत्री नितिन पटेल व रजनी पटेल के अलावा डीजीपी पीसी ठाकुर और अतिरिक्त मुख्य सचिव एसके नंदा ने हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा किया है.

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Posted By: Ruchi D Sharma