प्रख्यात इतिहासकार डेविड कैनाडाइन का कहना है कि 'टाई कब पहनी जाए' ये तय करना एक नेता के लिए भी उतना ही चुनौतीपूर्ण है जितना एक आम आदमी के लिए.

न्यूयॉर्क के पूर्व गवर्नर मारियो क्यूमो ने एक बार कहा था कि आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्था में ''प्रचार तो कविता की तरह मन लुभाने वाले तरीकों से किया जाता है लेकिन शासन 'गद्य' की तरह फीका और बेरस होता है.''

उदाहरण चाहे ब्रिटेन में वर्ष 2010 में हुए आम चुनाव का हो, अमरीका के आगामी राष्ट्रपति चुनावों के लिए रिपब्लिकन पार्टी के नामांकन हो या फिर चुनावी भाषण देते हुए अमरीकी राष्टपति बराक ओबामा की तस्वीरें का हो, हर जगह ये साफ दिखता है कि प्रचार भले ही खुले गले की शर्ट पहनकर की जाती हो लेकिन सरकार चलाने के लिए 'टाई' पहनना बेहद ज़रूरी होता है।

चुनावों में जीत हासिल करने के लिए एक उम्मीदवार का मतदाताओं जैसा अनौपचारिक और लापरवाह दिखना बेहद ज़रूरी होता है बनि्स्पत औपचारिक दिखने के। लेकिन जब सवाल देश चलाने का आता है तो राजनेताओं से उम्मीद की जाती है वे बिजनेस सूट पहनें, फिर चाहे वो राजनेता पुरुष हो या महिला।

लेकिन अगर बात रिवाजों की हो तो पोशाक पहनने के दौरान टाई के संबंध में कुछ भी तय करना एक बेहद विस्फोटक स्थिती होती है। इसका पता कैनाडाइन को 1974 में स्नातक की पढ़ाई के अंतिम वर्ष में अमरीका में रहने के दौरान हुआ।

वो कहते हैं, ''सौभाग्यवश जब मैं अमरीका में रह रहा था तभी वहां वॉटरगेट प्रकरण हुआ जिसकी शुरुआत राष्ट्रीय लोकतांत्रिक समिति के मुख्यालय में पांच लोगों के अनाधिकृत तरीके से घुसने से हुआ.''

रिचर्ड निक्सन

ये घटना 1972 की है लेकिन बाद में ये कहा गया कि रिचर्ड निक्सन को इसके बारे में पता था और उन्होंने अभियुक्तों को बचाने की कोशिश की थी, जिस कारण उन्हें 1974 में राष्ट्रपति पद से हाथ धोना पड़ा था।

जिस भवन में ये घटना घटी थी वो वॉशिंगटन डीसी के इलाके फौग्गी बॉटम के बने एक नए होटल और अपार्टमेंट परिसर में स्थित था। चूंकि ये भवन पोटोमैक नदी के तट से सटा हुआ था इसलिए इसे वॉटरगेट कहा गया था।

इस घटना के बाद ये जगह पर्यटकों के आकर्षण का एक केंद्र बन गया, हर कोई उस जगह को देखना चाहता था कि आखिर वो कौन सा स्थान है जहां से रिचर्ड निक्सन का पतन शुरु हुआ था।

इन्हीं दिनों कैनाडाइन वॉटरगेट होटल के बार में पहुंचे और बारटेंडर से एक ड्रिंक मांगी, लेकिन बारटेंडर ने उन्हें ये कहते हुए मना कर दिया कि उन्होंने टाई नहीं पहन रखी है।

कैनाडाइन ने अपनी बची-खुची हिम्मत जुटाते हुए कहा कि वॉटरगेट होटल का ये 'बार' दुनिया का सबसे अंतिम स्थान होगा जहां नियम-कायदे बनाए जाएं फिर भी उन्हें वहां ड्रिंक नहीं दिया गया। हालांकि वॉटरगेट परिसर को बाद में काफी सम्मानजनक स्थान मिला, लेकिन वॉटरगेट होटल बंद हो गया।

अमरीका में हुए इस अनुभव से डेविड कैनाडाइन काफी अचंभित थे क्योंकि ब्रिटेन की तुलना में अमरीका का पोशाक के मामलों में काफी लचीला और अनौपचारिक नज़रिया था।

1960 के विद्रोहपूर्ण सालों के दौरान 'ड्रेस-कोड' का प्रचलन काफी हद तक कम हो गया था और जो लोग टाई नहीं पहनना चाहते थे वे नेहरू और माओ से तुंग द्वारा प्रचारित ऊंचे कॉलर की जैकेट पहनते थे।

आंइस्टीन को टाई पहनना पसंद नहीं था

डेविड कहते हैं,''हमारी पीढ़ी के युवाओं का टाई ना पहनना एक सैद्दांतिक फैसला था, वे ऐसा सोच-विचार कर हर तरह के प्रभुत्व को नकारने के लिए करते थे। चे-ग्वेरा को टाई पहनना पसंद नहीं था, ना ही फिदेल कास्त्रो को या अल्बर्ट आइंसटीन को, इन सबके लिए ये एक शारीरिक, बौद्धिक और भावनात्मक बंधन जैसा था जिसे जर्मन भाषा में 'ज्वैंग' कहा जाता था.''

उनके मुताबिक इस सोच का भी एक औचित्य था, क्योंकि पारंपरिक तौर पर टाई का संबंध पब्लिक स्कूलों, ऑस्फोर्ड और केंब्रिज कॉलेजों और क्रिकेट के जेंटलमेन क्लब से हुआ करता था।

19वीं सदी के आखिरी हिस्से में टाई का इस्तेमाल सामाजिक ढांचे में वर्गीकृत वे लोग करने लगे जो सरकारी नौकरियों पर बड़े-छोटे पद पर थे। तब किसी व्यक्ति की टाई की डिज़ाइन से ये पता चल जाता था कि वो किसी समाज के किस वर्ग का प्रतिनिधित्व करता है। अमरीका में तिरछी लकीरों वाली टाई को पेशेवर लोगों से जोड़कर देखा जाता था।

अमरीकी-ब्रितानी टाईयों में अंतर

ब्रितानी टाई के दिन अब लद गए हैं। यहां के स्कूली बच्चों को अटपटे नॉट वाली टाई पहने हुए देखा जा सकता है, कभी-कभी ये नॉट अजीबोगरीब तरीके से काफी बढ़ा भी होता है।

1990 के दौरान न्यूयॉर्क के कोलंबिया विश्वविद्यालय में इतिहास पढ़ाने दौरान डेविड अक्सर क्लास-रूम में पढ़ाते समय टाई पहना करता था और उन्होंने पाया कि कई बार इन रंगबिरंगी टाईयों की तरफ छात्र आकर्षित होते थे।

सिमेस्टर के अंत में इन छात्रों को एक फॉर्म भरने को दिया जाता था जिसमें उन्हें शिक्षकों से संबंधित टिप्पणियां करनी होती थी। कई बार फॉर्म के अंत में उनसे शिक्षकों से संबंधित किसी खास अवलोकन के बारे में पूछा जाता था।

डेविड याद करते हुए कहते हैं,''हालांकि मेरे ज़्यादा छात्रों ने इस पर टिप्पणी नहीं की लेकिन एक बार मेरे एक छात्र ने दो प्यारे शब्द लिखें जिन्हें मैं आज भी याद करता हूं, वो शब्द थे सुंदर टाईयां.''

डेविड के अनुसार,''अगर कभी भी वॉटरगेट होटल दोबारा खुलता है, तो शायद मैं वहां दोबारा जाऊं और बारटेंडर से एक ड्रिंक मांग लूं, ऐसा करते हुए मैं कागज़ के उस टुकड़े को ज़रूर अपने साथ रखुंगा, लेकिन टाई पहनूंगा या नहीं ये अब भी तय नहीं है.''

Posted By: Inextlive