उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार शाम बड़े पैमाने पर वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के तबादले कर दिए. इनमें 66 आईएएस और 42 आईपीएस अधिकारी शामिल हैं.


जिन आईएएस अधिकारियों के तबादले किए गए हैं, उनमें लखनऊ के आयुक्त समेत 22 जिलों के ज़िलाधिकारी शामिल हैं.बदले गए पुलिस अधिकारियों में चार महानिरीक्षक, दस उप महानिरीक्षक और 28 जिलों के पुलिस अधीक्षक शामिल हैं.इन अधिकारियों में एटा ज़िले के पुलिस अधीक्षक भी शामिल हैं जहां दो दिन पहले ही बलात्कार की एक घटना हुई थी.इसके अलावा उत्तर प्रदेश के बदायूं ज़िले में दो चचेरी बहनों के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में राज्य सरकार ने बदायूं के तत्कालीन जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अतुल सक्सेना को निलंबित कर दिया है.राज्य के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इस मामले में तत्कालीन जिलाधिकारी के ख़िलाफ़ कार्रवाई भी की जाएगी.
मुख्य सचिव आलोक रंजन ने कहा, “बदायूं में ज़िलाधिकारी के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने का निर्णय ले लिया गया है, लेकिन मौजूदा डीएम नहीं, बल्कि जो घटना के वक्त थे, उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी.”संदिग्धों का नार्को टेस्ट"बदायूं में जिलाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय ले लिया गया है, लेकिन मौजूदा डीम नहीं बल्कि जो घटना के वक्त थे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी."-आलोक रंजन, प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश


लखनऊ में शनिवार को राज्य के मुख्य सचिव आलोक रंजन, डीजीपी एएल बनर्जी और प्रमुख सचिव गृह मुकुल सिंघल ने संयुक्त रूप से प्रेस को संबोधित किया.संवाददाता सम्मेलन में पुलिस महानिदेशक एएल बनर्जी ने कहा, “हम अगला कदम जो उठाने वाले हैं वो ये है कि जो भी लोग इसमें शामिल हैं या जिन पर भी हमें शक है, सभी लोगों का नार्को टेस्ट कराया जाएगा. ”डीजीपी बनर्जी ने कहा कि इस केस में हमारी जांच जारी है और जल्द ही सच सामने आ जाएगा.राज्य सरकार ने बड़े पैमाने पर पुलिस अधिकारियों का तबादला भी कर दिया है जिनमें आईजी और एसएसपी स्तर के भी कई अधिकारी शामिल हैं.बदायूं मामले के बाद एक बार फिर कानून व्यवस्था के मुद्दे पर राज्य की अखिलेश सरकार विपक्ष के निशाने पर है.

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari