माओवादी नेता सब्‍यसाची पांडा को सुरक्षाबलों ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया. पांडा माओवादी का शीर्ष कमांडर रहा है.


शीर्ष कमांडर है पांडा


ओडि़शा के गंजम जिले के बरहमपुर में सुरक्षाबलों ने आज शीर्ष माओवादी कमांडर सब्यसाची को गिरफ्तार कर लिया. राज्य पुलिस के लिये इसे अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने आज राज्य विधानसभा में बताया कि फरार चल रहे 48 साल के नक्सली नेता को सुरक्षा एजेंसियों को उसकी गतिविधियों के बारे में खबरें मिलने के बाद गिरफ्तार किया गया. सूचना के आधार पर कल रात ही बरहमपुर शहर में एक ठिकाने पर छापा मारा गया था. पांडा की गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री को पुलिस महानिदेश संजीव मारिक सहित शीर्ष अधिकारियों ने इस पूरे प्रकरण से अवगत कराया. मारिक ने कहा कि इस कट्टर विद्रोही नेता की गिरफ्तारी राज्य पुलिस के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि हैसूचना के आधार पर कल रात ही बरहमपुर शहर में एक ठिकाने पर छापा मारा गया था. पांडा की गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री को पुलिस महानिदेश संजीव मारिक सहित शीर्ष अधिकारियों ने इस पूरे प्रकरण से अवगत कराया. मारिक ने कहा कि इस कट्टर विद्रोही नेता की गिरफ्तारी राज्य पुलिस के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है.भाकपा से निष्कासित

भाकपा से निष्कासित किए जाने के बाद सब्यसाची पांडा उर्फ सुनील उर्फ सरत ने साल 2012 में ओड़िशा माओवादी पार्टी का गठन किया और वह कथित तौर पर साल 2008 के नयागढ़ सैन्य मुख्यालय पर हमला सहित कई मामलों में संलिप्त था. नयागढ़ सैन्य हमले में 14 पुलिसकर्मियों की मृत्यु हो गई थी. गणित में स्नातक पांडा वर्ष 1990 के आखिर में भाकपा (माओवादी) में शामिल हुआ था और उसने इस प्रतिबंधित संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी जिसका वह माओवादी ओड़िशा राज्य संगठन समिति का सचिव भी नियुक्त हुआ था.विहिप नेता की हत्या का आरोपी

पुलिस ने बताया कि पांडा पर अगस्त 2008 में सांप्रदायिक रूप से संवेदशील कंधमाल जिले के आश्रम में विश्व हिंदू परिषद  नेता लक्ष्मणानंद सरस्वती और उनके चार अनुयायियों की गोली मारकर हत्या करने का भी आरोप है. इस हत्या के कारण ओड़िशा में कंधमाल के आस पास बड़े पैमाने पर हिंसा और दंगे भड़क उठे थे. पुलिस ने बताया कि पांडा दक्षिण ओड़िशा में कई सालों से आभासी तौर पर नक्सल अभियानों का नियंत्रण करता था जिनमें गंजम, गजपति, कंधमाल, नयागढ़ और रायगढ़ जिले शामिल थे. पांडा आर उदयागीरी जेल पर हुए हमले में भी शामिल था. साल 2012 में दो इतालवी नागरिकों को अगवा किए जाने के पीछे कथित तौर पर पांडा का ही हाथ था. पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण के कई प्रस्तावों को वह ठुकरा चुका है .

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari