हमेशा तोड़ते रहे नियम

- काकोरी में भी कट चुका है इस बस का चालान

- आगरा एक्सप्रेस वे पर ओवरस्पीड पर हुआ चालान

- अभी कई चालान का नहीं किया गया भुगतान

- रजिस्ट्रेशन के दो माह बाद पहला चालान

- जानकीपुरम में जिस बस से दुर्घटना हुई, उसके 17 चालान काटे जा चुके हैं

sanjeev.pandey@inext.co.in

LUCKNOW : चालान पर चालान कटते रहे लेकिन इस यमदूत को कोई रोड पर दौड़ने से नहीं रोक सका। इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे के पास जिस बस (यूपी 43 टी 8151) से दुर्घटना हुई, उसके पिछले दो सालों में 17 चालान किए जा चुके हैं। कभी परमिट ना होने पर तो कभी गलत ड्राइविंग को लेकर चालान काटा गया। इसके बावजूद इस बस के संचालन को रोका नहीं गया। अगर इस बस पर एक्शन लिया जाता तो इस दर्दनाक हादसे को रोका जा सकता था।

रजिस्ट्रेशन के दो महीने बाद ही चालान

परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 5 जून 2017 को इस बस का रजिस्ट्रेशन गोंडा में कराया गया और 11 जुलाई 2017 को इसका पहला चालान ओवर लोडिंग पर 15400 रुपए का काटा गया। गोंडा में इसका दूसरा चालान बिना परमिट के बस संचालन पर हुआ। 16 जनवरी 2018 को फिर इसका चालान ओवर लोड चलने पर 16300 रुपए का किया गया।

कई चालान का भुगतान नहीं

फैजाबाद से दिल्ली तक फर्राटा भर रही इस बस का राजधानी के काकोरी में भी चालान हो चुका है। आगरा एक्सप्रेस वे पर बिना परमिट, रांग साइड बस दौड़ाने, खतरनाक ढंग से बस चलाने, ड्राइवर के पास डीएल ना होने और ओवर लोड होने पर 26000 रुपए का चालान किया गया था। जो अभी तक भरा भी नहीं गया है। हैरत की बात यह है कि दो साल में 17 चालान होने के बाद भी इस बस का संचालन जारी रहा। एआरटीओ प्रवर्तन संजीव गुप्ता से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।

कोट

चालान के कारण बस का संचालन ठप नहीं किया जा सकता है। चाहें वह एक चालान हो गया फिर 17. जब तक कोई आरोप साबित नहीं होता, तब तक बस को खड़ा नहीं करा सकते। यह देखना होगा कि बस मालिक पर लगे आरोप सही हैं या गलत।

वीके सिंह, अपर परिवहन आयुक्त, प्रवर्तन

बॉक्स

कई बार हुआ चालान

- परमिट ना होने पर

- रांग साइड वाहन चलाने पर

- ड्राइवर के पास ड्राइविंग लाइसेंस ना होना

- ओवरलोड पैसेंजर्स लेकर चलने पर

प्रवर्तन का कोई अधिकारी नहीं पहुंचा मौके पर

जानकीपुरम में हुई घटना के बाद आरटीओ प्रवर्तन का कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। यह हाल तब है जब परिवहन आयुक्त ने आदेश जारी कर रखा है कि जिस शहर में दुर्घटना होगी और किसी की उसमें मौत होगी तो वहां के एआरटीओ प्रवर्तन उस हादसे की जांच कर तीन दिन में रिपोर्ट देंगे। आरटीओ ऑफिस की ओर से दोषी को नोटिस भेजा जाएगा।

Posted By: Inextlive