यूनिवर्सिटी ऑफ़ ज़िम्बाबवे के विद्यार्थियों के चुंबन लेने पर प्रतिबंध लगाने के फ़ैसले को 'बेतुका' बताते हुए एक छात्र प्रतिनिधि ने इसकी आलोचना की है.


इससे पहले यूनिवर्सिटी की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया था कि जो कोई भी हरारे कैंपस में "अंतरंग अवस्था में पकड़ा" जाएगा उस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.छात्रों की प्रतिनिधि सित्सी माज़िकाना ने इस मसले पर कहा,"इस उम्र में यह कहना कि मुझे किसी को चूमने और गले लगाने की इजाज़त नहीं है समझ से परे है".छात्रों की आपत्ति पर यूनिवर्सिटी ने अभी कोई टिप्पणी नहीं की है.निष्कासनये सर्कुलर नए एकैडमिक साल की शुरूआत में जारी किया गया है.इसमें चूमने को "ऐसे दुर्व्यवहार की सूची में शामिल किया गया है जिनके चलते तत्काल होस्टल से निष्कासित कर दिया जाएगा".इस सूची में 11 बिंदुओं में अवैध रूप से रहने और बेडरूम में खाना पकाने पर प्रतिबंध भी शामिल है.
अंतरंग अवस्था में पकड़े जाना (सार्वजनिक स्थल पर चूमना या सेक्स करना), इस सूची का चौथा बिंदु है जिसके अंतर्गत दोषी पाए जाने पर विद्यार्थी को बाहर कर दिया जाएगा.विद्यार्थियों की प्रतिनिधि माज़िकाना ने कहा कि कैंपस में पहले से ही विपरीत लिंग के छात्रों के साथ दोस्ती करने पर कड़े नियम बने हुए हैं.


मसलन लड़के या लड़की के होस्टल में सिर्फ़ आगंतुक कक्ष में किसी से मिला जा सकता है और रात में 10 बजे के बाद मुलाकात की इजाज़त नहीं है.माज़िकाना ने कहा कि यह प्रतिबंध नैतिक विषय से जुड़ा हुआ नहीं है बल्कि छात्रों पर नियंत्रण रखने का एक तरीका है जो 'यूनिवर्सिटी के कामकाज के तरीके से नाखुश है.'जिम्बाबवे नेशनल स्टूडेंट यूनियन ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन की बिना छात्रों से पूछे मनमाने तरीके से नियम थोपने की पुरानी आदत है.यूनियन पदाधिकारी गिफ्ट मापोसा ने बीबीसी को बताया कि यूनियन चुंबन लेने के प्रतिबंध के ख़िलाफ़ एक आवेदन दे रही है.

Posted By: Satyendra Kumar Singh