धधका अमेठी राजघराना विवाद, फायरिंग में पुलिसकर्मी की मौत
विवाद में गई एक पुलिसकर्मी की जान
पुलिसवालों ने जब उग्र ग्रामीणों को रोकने के लिए हवाई फायरिंग की तो उन्होंने भी जवाब में फायरिंग और पथराव शुरू कर दिया. इस दौरान एक विजय मिश्रा नाम के पुलिसकर्मी को गोली लग गई. अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई. साथ ही कई ग्रामीण भी बुरी तरह से घायल हो गए. मौके पर कई थानों की पुलिस के साथ-साथ आरएएफ को भी तैनात कर दिया गया.
मीडिया कर्मियों पर भी भांजी लाठी
यही नहीं अमेठी में भूपति भवन के बाहर चल रहे हिंसक संघर्ष को कवर कर रहे मीडिया कर्मियों पर पीएसी के जवानों ने लाठियां भांजनी शुरू कर दीं. इसके चलते एक टीवी चैनल के पत्रकार राजू मिश्रा गंभीर रूप से घायल हो गए. साथ के मीडिया कर्मियों ने उन्हें इलाज के लिए अस्पताल रवाना किया है.
क्या है मामला
'भूपति भवन' पर मालिकाना हक को लेकर राजनेता संजय सिंह और उनकी पहली पत्नी गरिमा के बेटे अनंत विक्रम सिंह आमने-सामने हैं। कई साल के विवाद के बाद बीती 25 जुलाई को गरिमा सिंह अपने परिवार के साथ यहां लौटी थी. उन्होंने परिवार के रजिस्टर में अपना और अपने बच्चों का नाम दर्ज कराने के लिए प्रशासन को अर्जी दी थी. इस पर संजय सिंह ने आपत्ति भी दर्ज कराई थी. ऐसे में अब यह मामला ग्राम पंचायत में पहुंच गया है. बीते शुक्रवार को होने वाली पंचायत टाल दी गई थी. सोमवार को संजय और उनकी दूसरी पत्नी अमिता सिंह को कोर्ट में पेश होना था. इससे पहले अनंत विक्रम सिंह के समर्थन में ग्रामीणों ने अमिता को भूपति भवन में प्रवेश न देने के प्रयास में भवन को घेर लिया.
संजय नहीं चाहते पहली बीवी का नाम रजिस्टर में
रानी गरिमा सिंह के बेटे अनंत विक्रम सिंह का कहना है कि उनके पिता संजय सिंह इसके खिलाफ हैं. वह नहीं चाहते कि परिवार के रजिस्टर में उनकी मां गरिमा सिंह का नाम दर्ज हो. उन्होंने परिवार के रजिस्टर से गरिमा सिंह का नाम हटा कर अमिता सिंह का नाम दर्ज करा दिया था. इसमें अपना नाम वापस दर्ज कराने के लिए उनकी मां ने प्रशासन को अर्जी दी थी.
राजमहल के दो कमरों में रह रही हैं रानी गरिमा
गौरतलब है कि रानी गरिमा सिंह अपने बेटे अनंत प्रताप सिंह, बहू और दो बेटियों और उनके बच्चों के साथ इन दिनों राज महल के दो कमरों में रह रही हैं. एक महीने पहले वे अमेठी आए थे, उस दौरान संजय सिंह की ओर से नियुक्त सुरक्षा गार्डों ने उन लोगों को महल में घुसने नहीं दिया था. महल के दरवाजों में ताले लगा दिए गए थे. जब इस बात की सूचना अमेठी के लोगों को मिली, तो वह भड़क गए. उन्होंने महल के दो कमरों का ताला तोड़कर उसमें गरिमा सिंह और उसके परिवार वालों का सामान रखवा दिया.
अनंत ने बताया पूरे परिवार पर जान का खतरा
अनंत प्रताप सिंह ने अमेठी थाने में शिकायत की है कि उसकी मां और उसके परिवार की जान खतरे में है. अमेठी पुलिस इस शिकायत की जांच कर रही है. अनंत प्रताप सिंह का आरोप है कि उसके पिता की ऊंची राजनीतिक पहुंच के कारण पुलिस इस मामले में टाल-मटोल कर रही है. उसके ढीले रवैये के चलते अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. आरोपी खुले आम घूम रहे हैं.
कहानी संजय सिंह और अमिता सिंह की
संजय सिंह अमेठी के शाही परिवार के राजा हैं. वह इंदिरा गांधी के छोटे बेटे संजय गांधी के काफी करीबी रहे हैं. उनकी मौत के बाद संजय सिंह ने राजीव गांधी से नजदीकी बढ़ाई. उनके प्रभाव से वह केंद्र सरकार में मंत्री भी बन गए. बाद में कांग्रेस ने उन्हें असम से राज्यसभा सांसद बना दिया. वहीं अमिता सिंह बैडमिंटन की चैम्पियन रही हैं. उन्होंने गोरखपुर के रहने वाले बैडमिंटन खिलाड़ी सैयद मोदी से शादी की थी. कहा जाता है कि संजय सिंह की नजर अमिता मोदी पर थी. एक दिन सैयद मोदी की हत्या कर दी गई. सीबीआई की जांच में शक की सुई संजय सिंह और अमिता मोदी पर थी, लेकिन आखिरकार सैयद मोदी की हत्या के मामले में कुल आठ लोगों को सजा हुई. इसके कुछ महीने बाद संजय सिंह ने अपनी पत्नी गरिमा सिंह को तलाक दे दिया और अपनी प्रेमिका अमिता मोदी से शादी कर ली. कहा जाता है कि तलाक के वक्त जिस महिला को गरिमा सिंह के रूप में कोर्ट में पेश किया गया, वह फर्जी थी. गरिमा सिंह को इस फर्जीवाड़े का पता तब चला, जब उनको तलाक के पेपर थमा दिए गए. उनकी दूसरी पत्नी अमिता सिंह ने सुल्तानपुर से वरूण गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था. हालांकि, वह हार गई थीं.
एक समय में मोतीलाल नेहरू थे राजघराने के वकील
बताया जाता है कि अंग्रेजी हुकूमत के दौरान मोतीलाल नेहरू राजघराने के वकील हुआ करते थे. राजघराने ने ही खुश होकर इलाहाबाद में आनंद भवन का निर्माण करवाया था. अनंत विक्रम सिंह बताते हैं कि भूपति भवन में भले ही उनका परिवार अब सिर्फ दो कमरों में रह रहा है, लेकिन महल में कभी जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी तक आकर रुका करते थे. वे जिन कमरों में ठहरा करते थे, वे कमरे आज भी बंद हैं. उनका इस्तेमाल नहीं किया जाता.