शासन से शिक्षा निदेशालय को पद भरने की मिली अनुमति

उप्र उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को इसी सप्ताह भेजेगा अधियाचन

लंबे समय से भर्ती की आस में बैठे प्रतियोगियों के लिए खुशखबरी है। प्रदेश के अशासकीय सहायताप्राप्त (एडेड) डिग्री कालेजों में शिक्षकों के खाली पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू हो रही है। शासन ने उच्च शिक्षा निदेशालय को 3900 असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती की अनुमति दे दी है। निदेशालय की ओर से इसी सप्ताह अधियाचन उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को भेज देगा, फिर आयोग उसी के अनुरूप विज्ञापन निकालकर भर्ती की प्रक्रिया शुरू करेगा।

चार महीने बाद मिली अनुमति

प्रदेश भर में एडेड डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के करीब 4600 पद खाली हैं। खाली पदों को भरने के लिए निदेशालय ने फरवरी में पूरा ब्योरा एकत्र करके शासन को भेजा था। लेकिन, अनुमति मिलने में करीब चार माह का समय लग गया। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ। वंदना शर्मा का कहना है कि शासन ने असिस्टेंट प्रोफेसरों की नई भर्ती निकालने की अनुमति दे दी है। हम बची प्रक्रिया पूरी करके अधियाचन आयोग को भेज देंगे। यह कार्य इसी सप्ताह पूरा कर लिया जाएगा।

भर्ती में गरीब सवर्णो को मिलेगा आरक्षण

असिस्टेंट प्रोफेसर पद की नई भर्ती उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग विज्ञापन संख्या 50 के तहत निकालेगा। इस भर्ती में गरीब सवर्णो को आरक्षण मिलेगा। सवर्णो को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा।

शिक्षक भर्ती में डीएलएड डिग्री धारकों ने मांगी वरीयता

डीएलएड, बीटीसी प्रशिक्षुओं ने बेसिक शिक्षा विभाग की सभी शिक्षक भíतयों में प्रथम वरीयता देने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। रजत सिंह और अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर आठ जुलाई को सुनवाई होगी। अभ्यíथयों का कहना है कि डीएलएड और बीटीसी विशेष रूप से बेसिक स्कूलों में पढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कोर्स हैं, इसलिए इन शिक्षक भíतयों में इन्हें पहली वरीयता दी जानी चाहिए। इसके बाद बची सीटों पर बीएड या अन्य कोई डिग्री धारक को मौका मिलना चाहिए।

Posted By: Inextlive