-अपनी मेहनत के दम पर नीरज ने संभाला था परिवार, 2012 में खोली थी कपड़े की दुकान

तीन बहनों की शादी में लगाए रुपये, अब खुद व बड़े भाई की शादी का था जिम्मा

PRAYAGRAJ: तेलियरगंज में मारे गए व्यापारी अजीत उर्फ नीरज जायसवाल परिवार की रीढ़ था। उसके ऊपर आर्थिक से लेकर परिवार के सामाजिक सरोकार का भी जिम्मा था। दुकान पिता की हो या फिर खुद की, दिल्ली से माल लाने और वैरायटी चूज करने तक की जिम्मेदारी इन्हीं पर थी। अपनी मेहनत के बूते उसने फैमिली को फर्श से अर्श तक पहुंचाया था। छोटे-छोटे धंधे से हुई इनकम को लगाकर उसने कपड़े की दुकान खोली थी। गुरुवार रात अकेले नीरज की ही हत्या नहीं हुई। उनके साथ पूरे परिवार के सपनों का भी कातिलों ने कत्ल कर दिया। शुक्रवार पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे लोगों में यह बात चर्चा का विषय रही।

हुनर का धनी था नीरज

जोंधवल निवासी प्रेमनाथ जायसवाल के तीन बेटों में नीरज दूसरे नंबर पर था। कुछ साल पूर्व खेल-खेल में फांसी लगने से आशीष की मौत हो गई थी। दूसरे नंबर के भाई धीरज और तीन बेटियां बबिता, सोनी और मोनी ही परिवार में बची हैं। प्रेमनाथ तेलियरगंज में फुटपाथ पर प्लास्टिक के सामान बेचते हैं। उनका बड़ा बेटा धीरज शांत और रिजर्व किस्म का सीधा-सादा है। जबकि छोटे बेटे नीरज का स्वभाव चंचल था। दोनों जानने लायक हुए तो पिता का हाथ बंटाने लगे। धीरे- धीरे दोनों फेस्टिवल्स में डिमांड के आधार पर सामान लाकर बेचने लगे। 2012 में कुछ रुपये इकट्ठे हुए तो नीरज की सलाह पर आजाद मार्केट में किराए पर कमरा लिया गया। यहां पर कपड़े की दुकान खोली गई, जिससे नीरज और धीरज को अच्छी इनकम होने लगी। तीनों बहनों की शादी में नीरज ही रुपये खर्च किए। अब दोनों भाइयों की शादी शेष थी।

परिवार की रीढ़ था

नीरज की मेहनत से परिवार की आर्थिक और सामाजिक दशा में उछाल आया था। लिहाजा उसी के मुताबिक परिवार में सारे काम होते थे। घर का छोटा था मगर उस पर दुकान से लेकर घर तक की जिम्मेदारी थी। रुपये आए तो उसके सामाजिक दायरे भी बढ़ गए। बगैर नीरज के कहे घर में एक पत्ता भी नहीं डोलता था। बड़े भाई के साथ नीरज भी कपड़े की दुकान पर बैठा करता था। उसके पिता प्लास्टिक के सामान का ठेला आज भी लगाते हैं। पिता के साथ अपनी भी दुकान का सामान दिल्ली व अन्य स्थानों से नीरज ही लाया करता था। मार्केट के हिसाब से वैरायटी चूज करने का भी नीरज की ही जिम्मेदारी थी। उसकी जिम्मेदारियों को देख लोग उसे परिवार की रीढ़ कहते थे।

क्लियर था कातिलों का कांसेप्ट

कातिलों ने सिर्फ एक दिन में इस घटना को अंजाम नहीं दिया।

-माना जा रहा है कि वे पिछले कई दिनों से रेकी कर रहे होंगे। यही वजह है कि कातिलों का कांसेप्ट पूरी तरह क्लियर था।

घटना को किसी आम व्यक्ति ने अंजाम नहीं दिया। इसमें पेशेवर शूटर के होने का भी अनुमान लगाया जा रहा है।

नीरज को को सिर्फ तीन नहीं बल्कि कुल पिस्टल से कुल पांच गोलियां मारी गई।

यह बात शुक्रवार को हुए पोस्टमार्टम से भी क्लियर हुआ। सूत्र बताते हैं कि नीरज के शरीर में लगी तीन गोलियां पार हो गई थीं।

कयास लगाए जा रहे हैं कि यह वही तीन गोलियां हैं जिसके खोखे पुलिस को मौके से मिले हैं।

जबकि दो गोली उसके शरीर में डॉक्टरों को मिली हैं। पोस्टमार्टम वीडियो ग्राफी संग डॉक्टरों के पैनल द्वारा किया गया।

पोस्टमार्टम के बाद परिवार के लोग बॉडी लेकर घर पहुंचे, इसके बाद रसूलाबाद घाट पर नीरज का अंतिमसंस्कार हुआ।

एक नामजद, हिरासत में आधा दर्जन

हत्या के वक्त भाई नीरज के साथ होने का दावा कर रहे धीरज ने पुलिस को तहरीर दी है। पुलिस के मुताबिक आरोपित मेंहदौरी निवासी जीशान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। जबकि बाइक पर दो लोग सवार बताए गए। पुलिस द्वारा उसके परिवार के छह लोगों को हिरासत में लिया गया है। हिरासत में लिए गए सभी व्यक्तियों से देर शाम तक पुलिस पूछताछ में जुटी रही। सूत्र बताते हैं कि एक आरोपित को पुलिस ने दबोच लिया है। पुलिस आरोपित की बाइक पीछे बैठे शूटर की तलाश में हैं। पुलिस के मुताबिक आरोपित के घर रात में दबिश दी गई। मगर वह घर पर नहीं मिला।

नीरज जायसवाल मर्डर केस में नामजद आरोपित के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर तलाश की जा रही है। पूछताछ के लिए कुछ लोग हिरासत में लिए गए हैं। दबिश में आरोपित घर पर नहीं मिले हैं। पूरे मामले के खुलासे में चार टीमें लगाई गई हैं। इसमें क्राइम ब्रांच व एसओजी, स्वाट टीम प्रभारी एवं थाना पुलिस भी काम कर रही है।

-दिनेश सिंह, एसपी सिटी

Posted By: Inextlive