रेरा से जुड़ी प्राब्लम के साल्यूशन के लिए नही बनी कोई लोकल अथारिटी

बिल्डर्स ने की अंतिम तिथि बढ़ाने की मांग, 31 तक मुश्किल है रजिस्ट्रेशन

ALLAHABAD: प्रदेश सरकार ने बिल्डर्स और ग्राहकों के बीच व्यापार पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए रेरा (रियल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट) की वेबसाइट तो लांच कर दी लेकिन इससे जुड़ी समस्याओं के निस्तारण के बारे में पूर्ण इंतजाम नही किए। बिल्डर्स की माने तो वेबसाइट पर इंफार्मेशन अपलोड करने में काफी दिक्कतें आ रही हैं। इसका साल्यूशन ढूंढना हो तो लखनऊ जाना होगा। कम से कम प्रदेश सरकार को एक लोकल अथारिटी जरूर बनानी चाहिए थी। जो कि बिल्डर्स की समस्याओं का त्वरित निदान कर सकती थी।

डेवलपमेंट अथारिटी को दें कमान

वेबसाइट पर नक्शे और प्रोजेक्ट संबंधी डिटेल अपलोड करना आसान नही है

प्रदेश सरकार ने बिल्डर्स की सहायता के लिए प्रमुख सचिव आवास को रेरा का ऑफिस इंचार्ज बनाया है

उत्तरांचल की सरकार ने लोकल डेवलपमेंट अथारिटी को ही रेरा की जिम्मेदारी सौंपी है

यूपी में भी ऐसा हो तो बिल्डर्स को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए लखनऊ नहीं जाना होगा।

बिल्डर्स की प्राब्लम्स के साल्यूशन के लिए उनका संगठन क्रेडाई (कंफडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) काफी उपयोगी साबित होता है

इलाहाबाद में अभी यह आफिशियली सक्रिय नही है

संगठन की एक या दो बैठक हुई लेकिन बिना सरकारी दखल के यह संगठन ऑफिशियल नही होगा।

26 जुलाई को सीएम योगी आदित्यनाथ ने रेरा की वेबसाइट का उदघाटन किया

बिल्डर्स को पंजीकरण कराने की अंतिम तिथि 31 जुलाई तय कर दी

बिल्डर्स का कहना है कि पांच दिन के भीतर कैसे अपनी तमाम एडजस्टिंग प्रोजेक्ट की डिटेल लोड कर पाएंगे

उन्हें 31 अगस्त तक की टाइम लिमिट दी जाए।

उत्तरांचल की तरह यूपी में भी लोकल बॉडी को अथारिटी बना देना चाहिए। इससे बिल्डर्स को आसानी होगी। पब्लिक को भी भविष्य में इससे लाभ होगा। छोटी-छोटी समस्याओं के लिए लखनऊ दौड़ना हमारे बस की बात नही है।

राजेश कुमार गुप्ता,

साईधाम अपार्टमेंट महामंत्री क्रेडाई

रेरा बिल्डर्स और पब्लिक दोनों के लिए बेहतर कदम है। इससे रियल एस्टेट में छाई मंदी कम होगी। लेकिन, सरकार को पंजीकरण की अंतिम तिथि को बढ़ाना होगा। यह समय बिल्डर्स के लिए काफी कम है।

संजीव जैन,

पारस ग्रुप

Posted By: Inextlive