नैनी आरटीओ कार्यालय में चल रही प्रक्रिया हाई क्वालिटी कैमरे किए गए इंस्टालट्रैक पर सीसीटीवी कैमरे के साथ लगाई गई है सेंसर लाइट

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में उठने वाले सवालों पर जल्द ही रोक लगने जा रही है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद नैनी आईटीआई स्थित आरटीओ कार्यालय के आटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट को शुरू कर दिया जाएगा। इसके बाद लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस पूरे मानको को पूरा करने के बाद ही हासिल हो सकेगा। इस ट्रैक पर फिलहाल सेंसर लाइट और सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम अंतिम चरण पर है और तो और, ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट की कार्यदाई संस्था मारुती सुजुकी का बोर्ड भी लग गया है। अधिकारियों का भी कहना है कि जल्द ही लोगों को इस सुविधा का लाभ मिलने लगेगा।

कुशल ड्राइवर्स को मिलेगी सफलता
आटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट के शुरू हो जाने के बाद केवल कुशल ड्राइवर्स का ही ड्राइविंग लाइसेंस बन सकेगा। नैनी आर्रटीओ परिसर में ड्राइविंग ट्रैक पहले से बनकर तैयार था। अब यहां पर हाई क्वालिटी सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। यह ड्राइविंग टेस्ट के दौरान वाहन और ड्राइवर दोनों की गतिविधियों पर पैनी नजर रखेंगे।

किस प्रकार काम करेगा यह ट्रैक
ट्रैक पर लगे सीसीटीवी कैमरेों से स्टेप बाई स्टेप चीजों को देखा जा सकेगा।
कंट्रोल रुम बन बने बैरियर को तभी खोला जा सकेगा जब ड्राइविंग टेस्ट देने वाले व्यक्ति की पहचान सेंसर द्वारा कर ली जाएगी।
ट्रैक पर सीसीटीवी कैमरे के साथ सेंसर लाइट लगाई गई है। जो गाड़ी चलाते समय सभी मानकों का पूर्ण रुप से पालन हो रहा है कि नहीं इस पर निगाह रखेंगे।
- यह टेस्ट पूरी तरह से आटोमेटिक होगा। इसमें मैनुअल कुछ नही होगा। किसी भी तरह से कोई हस्तक्षेप नही किया जा सकेगा।
- ड्राइविंग का परिणाम कंप्यूटर और मशीनों के आधार पर होगा। इसकी वजह से केवल उन्ही लोगों का डीएल बनेगा जो ड्राइविंग के बारे में जानते हैं। पूर्व में आरोप लगाया जाता था कि बिना स्किल लोगों को डीएल बना दिया जाता है।

दस मिनट में पूरी होगी प्रक्रिया
बता दें कि ड्राइविंग टेस्ट देने की प्रक्रिया महज दस मिनट में पूरी हो जाएगी। क्येांकि ट्रैक को दो हिस्सों में बांटा गया है। एक हिस्सा दो पहिया और दूसरा हिस्सा चार पहिया वाहनों के लिए रखा गया है। टेस्टिंग के दौरान ट्रैफिक सिग्नल, रिवर्स मोड आदि ट्रैक पर अपने टैलेंट को प्रूव करना होगा। ड्राइविंग लाइसेंस उम्मीदवारों का बिना मानव हस्तक्षेप के वीडियो एनालिटिक्स टेक्नोलॉजी के माध्यम से उनके ड्राइविंग कौशल का परीक्षण लिया जाता है और यह सारी प्रक्रिया केवल 10 मिनट के अंदर पूरी हो जाती है। आटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट में एक्सेस कंट्रोल एंट्री एग्जिट, फुल्ली आटोमेटिक टेस्ट ट्रैक, वीडियो एनालिटिक्स टेक्नोलॉजी, एग्जिट कॉरिडोर ईच टेस्ट ट्रैक सहित तमाम एडवांस तकनीक का यूज किया गया है।

ट्रैक को कम्प्लीट करने का काम चल रहा है। कैमरे और सेंसर को लगा दिया गया है। कार्यदायी संस्था का बोर्ड भी लग गया है। बाकी चीजों को भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद आटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट की शुरुआत की जा सकेगी।
पुष्पेंद्र सिंह, आरआई, आरटीओ कार्यालय प्रयागराज

Posted By: Inextlive