चला था पापा की बैंड बजाने...
बड़े पिताजी थे targetप्रवीण केशरी, हिम्मतगंज एरिया का रहने वाला है। वह दवाओं का होल सेल बिजनेस करता है। उसकी शॉप लीडररोड पर है। घर में उसकी वाइफ, बच्चे और पैरेंट्स हैं। प्रवीण के पिता शंकर लाल एक्साइज विभाग में इंस्पेक्टर हैं। उसके दोनों बड़े भाई जॉब करते हैं। प्रवीण के बड़े पिता राम प्यारे केशरी पूरे परिवार की जिम्मेदारी शुरू से निभा रहे हैं। वह रेलवे से रिटायर्ड हैं। उनकी कोई औलाद नहीं है। प्रवीण उनसे रुपए एंठने के लिए दो महीने से प्लानिंग कर रहा था.पहले मांगी थी 8 लाख की रंगदारी
पुलिस ने बताया कि प्रवीण के साथ उसकी शॉप पर मो। शरीफ का बेटा सोनू जॉब करता है। कुछ महीनों से प्रवीण को बिजनेस में नुकसान हो रहा था। वह हर हाल में ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाने की सोच रहा था। उसने सोनू की मदद से फर्जी आईडी से एक नया सिम कार्ड मंगाया। प्रवीण ने अपने बड़े पिता को फोन किया और आठ लाख रुपए की रंगदारी मांगी। यह आइडिया फेल हो गया तो उसने दोबारा फोन किया और धमकी दी कि रुपए नहीं मिले तो प्रवीण को जान से मार देंगे.
एक idea fail तो दूसरे पर कामअपने बड़े पिता को फोन करवाते समय वह खुद भी वहीं रहता था ताकि किसी को उस पर शक न हो। लेकिन, पहले आइडिया पर दाल नहीं गली तो प्रवीण ने दूसरा तरीका अपनाया। 21 सितंबर को सोनू के साथ मिलकर उसने एक नया प्लान बनाया। प्रवीण दोपहर में लंच करने के लिए शॉप से घर के लिए निकला। लेकिन, घर नहीं पहुंचा। करीब तीन बजे उसके मोबाइल से उसकी मां को फोन आया कि प्रवीण उनके कब्जे में है। जिन्दा देखना चाहते हो तो पांच लाख रुपए दे दो। मजेदार बात यह थी कि प्रवीण अपने मोबाइल से खुद ही आवाज बदलकर कॉल कर रहा था.
आखिर कार दर्ज हुआ मामलाकिडनैपिंग की सूचना के बाद फैमिली मेम्बर्स परेशान थे। धमकी देने वाला बार-बार प्रवीण के मोबाइल से कॉल कर रहा था और प्रवीण से भी घर वालों की बात कराई। प्रवीण ने भी फोन पर यही कहा कि, प्लीज मुझे बचा लो। ये लोग मुझे मार डालेंगे। इतना कुछ होने के बाद प्रवीण के घर वालों ने खुल्दाबाद थाने में कंप्लेन की। एसएसपी उमेश श्रीवास्तव ने क्राइम ब्रांच को लगाया तो इस टीम ने सर्विलांस की मदद से फोन करने वाले की लोकेशन ट्रेस की। पता चला कि प्रवीण सैदाबाद, छतनाग, जंक्शन, सिविल लाइंस, बस स्टेशन, नैनी, मिर्जापुर रोड और पचदेवरा आदि जगहों पर घूमता रहा। सिम कार्ड का आईडी भी फेक था, ऐसे में उसे ट्रेस करना पुलिस के लिए चैलेंज बन गया.
सोनू दे रहा था हर खबर प्रवीण को पता था कि इस सनसनीखेज घटना के बाद उसके घर वाले पुलिस से कंप्लेन कर सकते हैं। उसने इसकी मानिटरिंग के लिए सोनू को लगा दिया था। सोनू हर पल की सूचना प्रवीण को देता था। सोनू ने प्रवीण को यह भी बता दिया कि उसका मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगा दिया गया है। इस बीच क्राइम ब्रांच ने सर्विलांस की मदद से दोनों को ट्रेस कर लिया और यह पता लगा लिया कि मामला क्या है। मंडे को पुलिस ने जोगीवीर तिराहे के पास से प्रवीण और सोनू को अरेस्ट कर लिया। इसमें क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर मनोज रघुवंशी, एसआई अजय सिंह, एसआई राकेश सिंह, ओम नारायण सिंह और खुल्दाबाद आदि शामिल रहे. प्रवीण गायब था। फिरौती मांगी जा रही थी। संवेदनशील मामला था। हमारे लिए यह एक चैलेंज था कि प्रवीण को सही सलामत बचा लिया जाए। क्राइम ब्रांच को इस ऑपरेशन के लिए पांच हजार रुपए का प्राइज दिया जाएगा. -उमेश कुमार श्रीवास्तव एसएसपी