दूरी बनाए रखना है बेहतर
एयर बॉर्न डिजीज है तो बचना जरूरीचिकन पॉक्स एक एयर बॉर्न डिजीज है। मरीज के खांसने, सांस लेने आदि से भी यह बीमारी फैलती है। आमतौर पर सितंबर से अप्रैल के बीच लोग इस डिसीज की चपेट में ज्यादा आते हैं। स्किन स्पेशलिस्ट डॉ। एके श्रीवास्तव कहते हैं कि अगर परिवार में ऐसा कोई मरीज है तो उसे आइसोलेट रखना ही बेहतर होगा। उससे थोड़ी दूरी बनाकर रखिए। शुरुआती लक्षणों के सामने आते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।ये हैं शुरुआती लक्षण-थकान, बुखार, हेडेक और बदन दर्दइंफेक्टेड होने के बाद के लक्षण-शरीर पर दाने, जलन, खुजली और बुखार15 दिन बना रहता है खतरा
एक बार चिकन पॉक्स होने के बाद अगले 15 दिनों तक इसके फैलने का खतरा बना रहता है। इसके वायरस इस ड्यूरेशन में दूसरे पर्सन पर भी अपना अटैक कर सकते हैं। स्किन स्पेशलिस्ट डॉ। शक्ति बसु कहते हैं कि सात से दस दिन तक इस बीमारी का असर रहता है और इस दौरान मरीज को एंटी वॉयरल ड्रग दी जाती है। इसके साथ ही साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान देना होता है। इस तरह से मरीज को तुरंत आराम मिल जाता है.
इसलिए बनी हुई है यह परंपरासोसायटी में चिकन पॉक्स को माताजी भी बोला जाता है। मरीज के इंफेक्टेड होने के बाद कहा जाता है कि उसे दूसरों के घर नहीं जाना चाहिए। डॉक्टर्स कहते हैं कि हिंदू मैथोलाजी में यह नियम इसीलिए बनाया गया था कि सोसायटी में इसे फैलने से रोका जा सके। एयर बॉर्न डिजीज होने की वजह से यह आसानी से एक से दूसरे पर्सन को हो जाती है। जबकि मेडिकल साइंस भी कहती है कि चिकन पॉक्स के मरीज से दूसरों को दूरी बनाकर रखनी चाहिए.
लगातार बढ़ रहे हैं मरीजचिकन पॉक्स का सीजन वैसे तो सितंबर से अप्रैल के बीच रहता है। लेकिन, इस समय यह डिसीज तेजी से फैल रहा है। पेशेंट्स की संख्या अचानक से बढ़ गई है। उसका रीजन साफ है। मौसम में बदलाव हो रहा है। धीरे-धीरे तापमान कम हो रहा है और गर्मी बढ़ती जा रही है। ऐसे में वायरस तेजी से फैल रहे हैं। ऐसे में डॉक्टर्स के मुताबिक जितना हो सके लोगों को खुद का बचाकर रखना होगा.