युवती के शरीर पर नहीं था एक भी कपड़ा महिला के कपड़े भी मिले अस्त व्यस्त रेप की आशंकातीन की बॉडी चारपायी एक की बॉडी पड़ी थी जमीन पर आला अफसर पहुंचे मौके पर फोरेंसिक टीम ने जुटाए एवीडेंसदेर शाम एसएसपी ने इंस्पेक्टर फाफामऊ समेत तीन लोगों को किया सस्पेंडइस घटना ने थाना पर पहुंचने वाली जनता की शिकायतों के निरस्तारण को इग्नोर किये जाने की पोल खोल दी है. बीट पुलिसिंग कम्युनिटी पुलिसिंग और पुलिस मित्र जैसे दावों की हवा निकाल दी है. यह गुरुवार को सामने आयी चार की हत्या की घटना अपने आप सबकुछ बयां कर रही थी. घटना फाफामऊ थाने से कुछ डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर हुई थी और पुलिस को हवा तक नहीं थी. चाट वाला खोजने नहीं पहुंचता तो शायद गुरुवार को भी घटना का पता नहीं चलता. सुबह खुलासा हुआ तो स्थानीय लोगों के साथ पुलिस अफसरों के पांव तले से जमीन खिसक गयी. दम्पति और उसके दो बच्चों को मौत के घाट उतार दिया गया था. सभी को बेरहमी से काट डाला गया था. मारी गयी युवती की बॉडी निर्वस्त्र थी और उसकी मां के कपड़े भी अस्त-व्यस्त थे. आशंका जतायी जा रही है कि दोनों के साथ शारीरिक संबंध या तो बनाया गया या फिर बनाने की कोशिश की गयी थी. घटना की सूचना से स्थानीय लोग दहल उठे. पुलिस अफसर मौके पर पहुंच गये. फोरेंसिक टीम को बुला लिया गया. देर शाम तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया था कि हत्या क्यों की गयी और किसने की. स्पॉट पर लूट जैसी घटना का कोई निशान नहीं मिला है इससे हत्या के पीछे रंजिश की आशंका ज्यादा मजबूत मानी जा रही है. पुलिस का कहना है कि हर एंगल से प्रकरण की जांच की जा रही है. पूरी कोशिश की जाएगी कि जल्द से जल्द घटना का खुलासा कर दिया जाएगा.


प्रयागराज (ब्यूरो)। घटना फाफामऊ थाना क्षेत्र के मोहनगंज फुलवरिया गोहरी की है। मृतकों में फूलचंद्र (45) उसकी पत्नी मीनू (40), 17 साल की बेटी सपना और दस साल के बेटे शिव का नाम शामिल है। पति-पत्नी व बेटी की बॉडी चारपायी और बेटे की बॉडी जमीन पर पड़ी थी। स्पॉट पर ब्लड पूरी तरह से सूख चुका था और बाडी से भी दुर्गन्ध उठनी शुरू हो चुकी थी। बॉडी और ब्लड पर मक्ख्यिां भिनभिनाने लगी थीं। इससे आशंका जतायी गयी है कि हत्या कम से कम 48 घंटे पहले की गयी है। स्थानीय लोगों ने इस परिवार के सदस्यों को अंतिम बार सोमवार को दिन में देखा जाना बताया। इससे संदेह जताया जा रहा है कि मर्डर सोमवार की रात ही कर दिया गया होगा।सोमवार से नहीं दिखा था परिवार


गुरुवार की सुबह फाफामऊ पुलिस को मृतक के घर के पास चाट की दुकान लगाने वाले संदीप प्रजापति ने बताया कि परिवार को आखिरी बार सोमवार 22 नवंबर को देखा गया था। मृतक का बेटा अक्सर चाट खाने आता था। दो दिन नहीं आने पर लगा कि परिवार के लोग कहीं गए होंगे। गुरुवार को उसने घर के बाहर जाकर आवाज दिया गया तो अंदर से कोई रिस्पांस नहीं मिला। अंदर से दुर्गन्ध आने पर शक हुआ। इस पर उसने दरवाजे को नॉक किया तो पता चला कि वह खुला हुआ है। दरवाजे को धक्का देकर वह अंदर घुसा तो सामने का सीन दहला देने वाला था। परिवार के सभी चार सदस्यों की बॉडी सामने पड़ी थी। यह सीन देखकर वह हिल गया। उसके शोर मचाने पर आसपास के लोग जुट गये। सूचना मिलने पर फाफामऊ पुलिस भी पहुंच गयी। सूचना एसएसपी, आईजी तक पहुंच गयी। इसके बाद देखते ही देखते मौके पर सैकड़ों की संख्या में लोग जुट गये। पुलिस का मूवमेंट भी बढ़ गया। सुबह दस बजते-बजते बड़ी संख्या में पुलिस के लोग मौके पर पहुंच गये।

सोमवार की रात घटना होने का शक


आशंका जताई जा रहा है कि सोमवार रात में खाने के बाद परिवार के लोग सो गये होंगे तभी बदमाशों ने उनके घर में इंट्री ली होगी। स्पॉट से दो कुल्हाड़ी बरामद हुई है। इस पर ब्लड स्पॉट होने से अंदेशा जताया जा रहा है कि हत्यारों ने इसी का इस्तेमाल मर्डर के लिए किया होगा। इस पर लगा ब्लड पर सूख चुका था। मृतकों के आसपास फैले खून का कलर ब्लैक हो चुका था। यह घर मिटटी का बना हुआ था और किसी भी तरफ से मिट्टी काटने के प्रमाण नहीं मिले हैं। इससे शक जताया जा रहा है कि बदमाश मेन गेट से ही भीतर घुसे होंगे। कमरे में रखे सामानों के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गयी थी। इससे लूट के चक्कर में मर्डर का मामला भी बहुत प्रभावी तरीके से सामने नहीं आया। युवती से रेप के चक्कर में मर्डर एक एंगल निकलकर सामने आया जरूर लेकिन इसकी पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही संभव होगी। इसी के चलते मौके पर पहुंचे अफसरों ने रिश्तेदारों और पड़ोसियों से तमाम तरह के सवाल पूछे ताकि इस कांड का पर्दाफाश करने के लिए कोई सुराग हाथ लगे। मिला क्या? इस पर अफसरों का कहना था कि अभी कुछ भी कहना बेहद जल्दबाजी होगी।समय पर होती कार्रवाई तो न आती यह नौबत

मौके पर मौजूद मिले मृतक के भाई कृष्ण चंद्र भारतीय का आरोप है कि दो माह पहले ही गांव के मनीष और अभय ठाकुर ने जान से मारने की धमकी दी थी। उन लोगों ने घर में घुसकर मारा-पीटा था। इसकी सूचना मृतक की ओर से थाने में दी गयी थी। कृष्ण चंद्र का आरोप है कि पुलिस ने शिकायत पर कार्रवाई के स्थान पर समझौता कराने के लिए दबाव बनाया था। कृष्ण चंद्र के अनुसार समझौता न होने पर ही गांव के कमलेश ठाकुर, आकाश ठाकुर, रवि, मनीष, अभय ने घर में घुसकर भाई, भाभी, भतीजी और भतीजे की हत्या कर दी। पुलिस कार्रवाई के बजाय हमारा मजाक उड़ाती थी। मृतक की ननद और बहन ने बताया कि दबंगों के खिलाफ पुलिस ने रिपोर्ट लिखाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की। हम लोगों की कहीं सुनवाई नहीं होती। पुलिस दबंगों को बुलाकर कुर्सी देती है और हम लोगों को थाने से भगाती है। मृतक के भाई का कहना है कि अगर समय रहते दबंगों के खिलाफ कार्रवाई करती तो आज ये नौबत न आती।इंस्पेक्टर के सस्पेंशन पर माने परिजन
इस घटना के बाद परिवार के सदस्यों के साथ गांव के लोगों की मांग थी कि फाफामऊ इंस्पेक्टर को तत्काल सस्पेंड किया जाये। इसके साथ उन गांव के दबंगों को तत्काल गिरफ्तार किया जाये। इसके चलते पुलिस को पंचनामा भरकर बॉडी पोस्टमार्टम के लिए भेजवाने में भी दिक्कत आने लगी। इसके बाद आईजी व डीआईजी ने स्थानीय लोगों के साथ रिश्तेदारों को भरोसा दिलाया कि इंस्पेक्टर को सस्पेंड करके आरोपितों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। इसके बाद लोग माने और बॉडी पोस्टमार्टम के लिए भेजवायी गयी। देर शाम को डीआईजी-एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने इंस्पेक्टर राम केवल पटेल और दो अन्य को सस्पेंड कर दिया। गांव का माहौल देख मौके पर पुलिस तैनात कर दी गयी है। पुलिस ने मृतक के भाई द्वारा लगाये गए आरोप के आधार पर कुछ लोगों को पूछताछ के लिए उठाया है। एक ही परिवार के चार सदस्यों की हत्या की गई है। पुलिस हर बिंदु पर जांच कर रही है। 2019 और 2021 में कुछ लोगों के ऊपर एससी-एसटी एक्ट में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। परिजनों ने इस मामले में कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है। इसकी भी जांच की जाएगी। जल्द से जल्द हम घटना का खुलासा करेंगे।सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठीडीआईजी/एसएसपी प्रयागराज

Posted By: Inextlive