सिग्नल है या सिस्टम ब्रेकर
150
मीटर से भी कम दूरी है म्योहाल से लोक सेवा आयोग चौराहे की 300 मीटर के करीब दूरी है लोकसेवा आयोग से धोबीघाट चौराहे की 500 मीटर के लगभग दूरी है धोबीघाट से म्योहाल चौराहे की की ------------- -कम दूरी वाले चौराहों के बीच सिग्नल में झेल रहे लोग, व्यवस्था से खफा -बोले, चौराहे नहीं खिसका सकते तो सिग्नल की टाइमिंग सही सेट करें PRAYAGRAJ: शहर में अलग-अलग चौराहों पर लगे सिग्नल्स यूं तो ट्रैफिक कंट्रोल के लिए हैं। लेकिन कई बार यही सिग्नल चौराहे पर फंसे लोगों के बीच इरिटेशन की वजह बन जाते हैं। कई जगहों पर तो 150 से 500 मीटर की दूरी के बीच दो-दो ट्रैफिक सिग्नल्स पड़ते हैं। हर सिग्नल पर झेल रहे हजारों लोगों की इसी समस्या को दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने टटोलने की कोशिश की। हर जुबां पर दूरी का रोनाम्योहाल चौराहे पर रेड सिग्नल में फंसे कार सवार कई यात्रियों से चौराहों की दूरी व सिग्नल को लेकर दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने बात की। समस्या पर सवाल करते ही यात्रियों के दिल की बात जुबां पर आ गई। उन्होंने कहा कि यह बगैर प्लान व सोचे समझे किए गए कार्य की देन है। पैसेंजर्स ने कहा कि म्योहाल से लोक सेवा आयोग चौराहे की दूरी 150 मीटर भी नहीं है। अब हालत यह है कि म्योहाल से किसी तरह छूटे तो लोकसेवा आयोग पहुंचते-पहुंचते फिर ट्रैफिक रेड हो जाता है।
यहां का भी यही हाल यही हाल लोक सेवा आयोग चौराहे से धोबी घाट चौराहा और धोबी घाट चौराहे से म्योहाल चौराहे तक की दूरी व रेड सिग्नल का है। सब कुछ अधिकारी देख सुन रहे हैं, वह समस्या का तोड़ नहीं निकाल पा रहे। पैसेंजर्स के मुताबिक कम दूरी वाले चौराहों पर लगे सिग्नल की समस्या के कई हल हैं। लेकिन उस तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस तरह समाप्त हो जाएगी समस्या -तेलियरगंज सिविल लाइंस रूट पर म्योहाल व लोक सेवा आयोग चौराहे के सिग्नल की टाइमिंग एक कर दी जाय। -सिविल लाइंस तेलियरगंज रूट पर भी लोक सेवा आयोग व म्योहाल चौराहे की टाइमिंग एक कर दी जाय। -ऐसे में रेड सिग्नल होने पर सिविल लाइंस से आने वाला शख्स लोकसेवा आयोग व तेलियरगंज से आने वाले यात्री म्योहाल सिग्नल पर रुक जाएंगे। -इससे म्योहाल सिग्नल से छूटते ही चंद कदम की दूरी पर रेड सिग्नल में फंस कर झेल रहे लोगों की समस्या समाप्त हो जाएगी।-इसी तरह, धोबीघाट व म्योहाल चौराहे के सिग्नल की टाइमिंग एक कर दी जाए। इससे हाईकोट की तरफ से आने वाले यात्री धोबी घाट व जिला कचहरी रोड के यात्री म्योहाल पेट्रोल पम्प सिग्नल पर रुक जाएंगे।
-फिर धोबी घाट चौराहे से छूटते ही बमुश्किल 500 मीटर पर फिर उन्हें सिग्नल ग्रीन होने का वेट नहीं करना पड़ेगा और ट्रैफिक सिस्टम स्मूथ रहेगा। -ठीक इसी तरीके से लोकसेवा आयोग चौराहे से धोबी घाट चौराहे की टाइमिंग आसानी से सेट करते हुए चौराहों की दूरियां कम कर मुश्किल हल हो सकती है। कॉंिलंग नकल करने में भी अकल की जरूरत होती है। बड़े शहर में व्यवस्थाएं तभी सफल होंगी जब सिटी का वैसा ही ढांचा हो। डेढ़ से दो सौ मीटर से भी कम दूरी पर स्थित चौराहें पर सिग्नल है। दूरी नहीं बढ़ा सकते तो सिग्नल टाइम वैसे सेट कर लें। -राकेश कुमार, कौशाम्बी सैनी भाई समस्या हमीं को नहीं सबको है। बड़े शहरों में इतने नजदीक चौराहे नहीं हैं और न ही सिग्नल मिलते हैं। जिन चौराहों की दूरियां थोड़ी ज्यादा हैं, वहां की नहीं, बल्कि कम दूरी वाले चौराहे का रेंज सिग्नल सिस्टम चेंज करना चाहिए। -अविनाश, कनेहटी फूलपुरमैं तो तीन दिन से कंपनी वर्क के सिलसिले में आया हुआ हूं। कल चला जाऊंगा। लेकिन में एक दूसरे से कम दूरी वाले सभी चौराहों पर सिग्नल लगाकर ट्रैफिक समस्या पैदा की गई न की सुधारी गई है।
-अन्नू पांडेय, लखनऊ चौराहों की दूरियां नहीं बढ़ाई जा सकती, पर सिग्नल की टाइमिंग एक कर चौराहों का रेंज बढ़ा सकते हैं। इससे यात्री को एक चौराहे से दूसरे चौराहे पर कदम रखते ही सिग्नल समस्या नहीं झेलनी पड़ेगी। सोचिएगा तो हर समस्या का समाधान है, नहीं तो सब चल तो रहा ही है। -इं। अतुल ओझा, कुंडा प्रतापगढ़