आजाद पार्क में बुधवार को पीडीए और जिला प्रशासन की ओर से पुन: अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया. इस दौरान यह अवैध रूप से रहने वालों के आवास ध्वस्त किए गए. आधा दर्जन स्थलों पर कार्रवाई की गई. इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा. प्रयाग संगीत समिति में अतिक्रमण हटाने के दौरान लोगों से दस्ते नोकझोक भी हुई लेकिन फिर उन्हें समझा बुझाकर हटा दिया गया. देर शाम तक पार्क जेसीबी की आवाज से गूंजता रहा.

प्रयागराज (ब्‍यूराे)। गुरुवार को आजाद पार्क में हुए अतिक्रमण को लेकर दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई होनी है। इसमें पीडीए और जिला प्रशासन को अपना पक्ष रखना होगा। इसको देखते हुए बुधवार को सुबह ही पीडीए की टीम अपना लाव लश्कर लेकर आजाद पार्क पहुंच गई थी। साथ में प्रशासनि अधिकारी और कई थानों की फोर्स भी मौजूद थे। टीम ने परिसर में दाखिल होते ही अवैध निर्माणों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया।

यहां-यहां हुई कार्रवाई
इस दौरान म्यूजियम, हिंदुस्तानी एकेडमी, लेडीज क्लब, कंपनी बाग, स्टेडियम के पास और राजकीय उद्योग के सामने बने बीस से अधिक अवैध निर्माणों को गिराया गया। बताया गया कि पिछली कार्रवाई में इन निर्माणों को नही हटाया गया था। इस निर्माण में करीब डेढ़ दर्जन परिवारों ने शरण भी ले रखी थी। इस बार निर्माण ध्वस्त कराकर सभी को प्रिमाइस से बाहर कर दिया गया। इस दौरान संगीत समिति परिसर में मौजूद अतिक्रमण ध्वस्त करने पहुंची टीम की कार्रवाई को पब्लिक ने रोकने की कोशिश की। वह अपने आवास तोडऩे से नाराज थे। लेकिन पीडीए और प्रशासन ने उनकी नही सुनी। काफी देर तक बहस होने के बाद अंत में लोगों को पीछे हटना पड़ा। इसके बाद यहां बने अवैध आवासों को भी हटाया गया। अन्य कई जगहों पर निर्मित किए गए शेड को भी तोड़ा गया।

दो दिन पहले दिया गया था अल्टीमेटम
बता दें कि पीडीए की ओर से दो दिन पहले ही कंपनी बाग सहित अन्य स्थलों पर रहने वालों को अल्टीमेटम दिया गया था। उनको अपने आवास छोड़कर कही और जाने को कहा गया था। इसी की अगली कड़ी में बुधवार को सुबह से अभियान शुरू करा दिया गया। पिछली बार चले अभियान से हाईकोर्ट ने असंतुष्टी दिखाई थी। जिसको देखते हुए पीडीए इस बार कोई कोर कसर नही छोडऩा चाहता था। यही कारण था कि आधा दर्जन से अधिक स्थलों पर जेसीबी ने जमकर तोडफ़ोड़ की।

गुरुवार को हमें कोर्ट में अपना पक्ष दाखिल करना है। इसी कड़ी में बुधवार को कंपनी बाग समेत आधा दर्जन स्थलों पर बीस से अधिक अवैध निर्माणों को तोड़ा गया है। कुछ लोगों ने विरोध किया लेकिन उन्हे समझा बुझाकर हटाया गया है।
आलोक पांडेय जोनल अधिकारी, पीडीए

Posted By: Inextlive