फसलों की बर्बादी का सदमा न सह पाने के कारण किसान लगातार मर रहे हैं, लेकिन प्रशासन है कि इस सच्चाई को लगातार झुठलाने में लगा है। मंगलवार को सोरांव व हंडिया क्षेत्र में चार किसानों की मौत होने का मामला प्रकाश में आया, जिसने सबको हिलाकर रख दिया है।

नवाबगंज थाना क्षेत्र के मलैन का पूरा गांव में लालता प्रसाद मंगलवार को खेत में गए थे। वहां का सीन देखकर वह तड़प कर रह गए। दुखी मन से वह अपने घर लौट गए। घर पहुंचते ही लोटा चबुतरे पर रखा कि अचानक उनकी सांस थम गई। तहसील प्रशासन द्वारा जांच के बाद परिजनों ने शव का दाह संस्कार कर दिया। इसी तरह कौडि़हार अटरामपुर के मोहम्मदपुर हथिगहां गांव निवासी संजय पटेल पुत्र लालाराम सोमवार को अपने खेत में गया था। बर्बाद फसल देखकर लौटने के बाद उसकी घर पर मौत हो गई।

शादी में लिया था कर्ज

हंडिया विकास खण्ड के जगुआं सोंधा गांव निवासी राम बहादुर सिंह म्ख् साल सोमवार को लगभग ब् बजे अपने सवा बीघे के चक के गेहूं की मड़ाई कराई। फसल की हालत देखकर उनकी तबीयत खराब हो गई। बच्चों ने उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट कराया लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके। इसी तरह कूराकाट गांव के रहने वाले श्रीपाल यादव की मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि वह फसल की बर्बादी का सदमा नहीं बर्दाश्त कर सके।

Posted By: Inextlive