एल्डर कमेटी बाहर, इंटरनल को जिम्मेदारी
हाई कोर्ट बार का चुनाव कराने के लिए दी गई नई व्यवस्था
तीन नवंबर से शुरू होगी प्रक्रिया, 24 नवम्बर को होगा चुनाव इलाहाबाद हाईकोर्ट का बहुप्रतीक्षित चुनाव नवंबर महीने में होगा। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वन बार वन वोट फॉर्मूले को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई के बाद तय किया कि चुनाव इंटरनल कमेटी की देखरेख में होगा। एल्डर कमेटी को लेकर विवाद को देखते हुए कोर्ट ने यह फैसला लिया है। इनटरनल कमेटी को जिम्मेदारी दी गई है कि वह नए सिरे से मतदाता सूची तैयार करे। याचिका की अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को होगी। यह आदेश जस्टिस तरुण अग्रवाल, जस्टिस दिलीप गुप्ता तथा जस्टिस कृष्णमुरारी की पूर्णपीठ ने घनश्याम दूबे की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। हाई कोर्ट ने दिया निर्देशकमेटी वन बार वन वोट का विकल्प भरने वाले 10508 सदस्यों में से ही 30 अक्टूबर तक मतदाता सूची तैयार करेगी
मतदाता सूची में 31 अगस्त 17 तक बार के देयो का भुगतान कर चुके सदस्यों को ही शामिल किया जायेगा
इस तिथि के बाद दोनों का भुगतान करने वाले सदस्यों को मतदाता सूची में शामिल नहीं किया जायेगाबाई लाज के अनुसार 3 साल की सदस्यता एवं बार के देयो का भुगतान करने वालों को ही वोट देने का अधिकार है
जिन्होंने 31 अगस्त 17 तक बार के देयो का भुगतान नहीं किया है, वे चुनाव भी नहीं लड़ सकेंगे। कोर्ट ने बार एसोसिएशन को वन बार वन वोट का विकल्प फार्म भरवाने के लिए 31 अगस्त तक का समय दिया था 10508 सदस्यों ने विकल्प फार्म भरा है चुनाव प्रक्रिया की तिथियां 3 नवंबर से 6 नवंबर 17 तक चुनाव में नामांकन होगा 7 नवंबर को नाम वापसी 8 नवंबर को नामांकन की जांच 9 नवंबर को प्रत्याशियों की सूची का प्रकाशन 24 नवंबर को पूर्वान्ह 10 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान होगा 25 नवंबर को मतगणना शुरू होगी और परिणाम आने तक जारी रहेगी कोर्ट के फैसले का इम्पैक्टकोर्ट के इस फैसले का इम्पैक्ट यह होगा कि 15 हजार सदस्यों की बार में से 10508 विकल्प भरने वाले सदस्यों की स्क्रूटनी होगी। इसमें से 31 अगस्त तक बार का चंदा जमा करने वालों की सूची तैयार होगी। करीब 4 हजार सदस्यों में से 3 वर्ष से कम सदस्यता वालों को हटाकर मतदाता सूची तैयार होगी। लगभग 3 हजार सदस्यों को चुनाव में हिस्सा लेने की छूट होगी। बता दें कि हाईकोर्ट में वकालत करने वाले बार सदस्यों के वोट से बार का चुनाव कराने तथा बाहरी सदस्यों के मतदान से रोकने की मांग में जनहित याचिका दाखिल की गयी।
इंटरनल कमेटी रविकान्त अध्यक्ष एसके वर्मा अशोक खरे नवीन सिन्हा सतीस त्रिवेदी पीएन सक्सेना शशि नन्दन (कमेटी के सभी सदस्य वरिष्ठ अधिवक्ता हैं)