Allahabad :नानी-दादी के नुस्खे इस ठंड में बच्चों पर भारी पड़ रहे हैं. पुरानी परंपराओं के चलते बच्चे इस सीजन में खतरनाक निमोनिया का शिकार हो रहे हैं. इसकी वजह से हॉस्पिटल्स में पेशेंट्स की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. डॉक्टर्स का कहना है कि पैरेंट्स की लापरवाही के चलते बच्चों के सीने में जकडऩ की शिकायत बढ़ती ही जा रही है...


सबसे बड़ा reason है मालिशइस सीजन में दो साल तक के बच्चे सबसे ज्यादा निमोनिया से परेशान नजर आ रहे हैं। डायग्नोसिस में सबसे बड़ा रीजन खुले आसमान के नीचे उनको नहलाना और मालिश सामने आ रहा है। आमतौर पर पैरेंट्स बच्चों की मालिश खुले आसमान के नीचे धूप में करते हैं लेकिन वह भूल जाते हैं कि ठंडी हवा की चुभन उनके सीने में जकडऩ पैदा करने के लिए काफी है। इस समय इस एज गु्रप का हर चौथा बच्चा इस बीमारी से इफेक्टेड नजर आ रहा है। हालांकि डॉक्टर्स भी पैरेंट्स को खुले आसमान के नीचे ऐसा ना करने की सलाह दे रहे हैं। बहुत ज्यादा प्यार दिखाना भी खतरनाक


कई मामलों में बच्चों की हालत इतनी सीरियस है कि उन्हें हॉस्पिटल्स में एडमिट भी करना पड़ रहा है। डॉक्टर्स कहते हैं कि शुरुआती लक्षणों को इग्नोर करने के बाद ऐसी सिचुएशन पैदा होती है। निमोनिया के दूसरे बड़े रीजन में इंफेक्शन सामने आया है। खुद इंफेक्टेड होने के बाद बार-बार बच्चों को गोद में लेना या उन्हें किस करना उन्हें बीमार कर रहा है। डॉक्टरों की मानें तो अगर फैमिली मेंबर्स को किसी भी प्रकार का इंफेक्शन है तो उन्हें बच्चों से दूरी बनाकर चलना होगा। क्या हैं निमोनिया के लक्षण

- सांस लेने में दिक्कत होना- बच्चे का भूखे होने के बावजूद दूध नहीं पीना- जल्दी-जल्दी सांस लेना- चिड़चिड़ापन- गले और सीने के नीचे गड्ढे पड़ जानाकैसे करें बचाव- बच्चे को इंफेक्शन से बचाकर रखें- बंद कमरे में मालिश और गर्म पानी से नहलाएं- अगर वह दूध नहीं पी रहा है तो नेजल ड्रॉप का यूज करें- उसे ठंडी हवाओं से बचाने की कोशिश करें, पूरे आस्तीन के कपड़े पहनाएंओपीडी में निमोनिया से पीडि़त बच्चों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पैरेंट्स को खुले आसमान के नीचे मालिश करने और नहलाने से मना किया जा रहा है। शुरुआती लक्षणों को इग्नोर कतई ना करें। एक बार बच्चा निमोनिया की चपेट में आया तो काफी प्रॉब्लम फेस करनी पड़ सकती है।डॉ। मनीष चौरसिया, पीडियाट्रिशियनठंड के सीजन में इंफेक्शन होना आम बात है। अगर कोई इंफेक्टेड है तो उसे बच्चों से दूरी बनाए रखनी चाहिए और खुद का इलाज भी तुरंत कराना चाहिए। यह दूसरों में भी तेजी से फैलता है।डॉ। ओपी त्रिपाठी, फिजीशियन

Posted By: Inextlive