बढ़ता तापमान बना जी का जंजाल अस्पताल पहुंच रहे मामलेमौसम में बचकर रहने की डॉक्टर दे रहे हैं सलाह पारा 46 डिग्री के पार पहुंच चुका है. गर्म हवाओं की चपेट में आने वाले राह चलते गिरने लगे हैं. अस्पतालों में ऐसे आने वाले मरीजों की संख्या दर्जनों में पहुंच चुकी है. फिर भी लोग जागरुक नही हो रहे हैं. जरा सी लापरवाही उनको अस्पताल पहुंचा रही है. डॉक्टर्स का कहना है कि अगर खुद पर ध्यान दिया जाए तो गर्मी में बीमार होने से बचा जा सकता है.

प्रयागराज (ब्यूरो)। शनिवार को लगातार दूसरे दिन तापमान 46 डिग्री के पार रहा। इससे सड़क पर चलना दुश्वार हो गया। चार कदम चलने पर लोग हांफ रहे थे। आधा दर्जन से अधिक लोग राह चलते चक्कर खाकर गिरने से सरकारी अस्पतालों में पहुंचे। इन्हे आनन फानन में वार्ड में भर्ती किया गया। थोड़ी देर बाद सामान्य होने पर यह घर जाने लायक हो सके। काल्विन अस्पताल में लालता, बिंदू, रफीक बेली अस्पताल में कार्तिक, गंजा उर्फ नावेद, नफीस आदि तेज गर्मी से बीमार होकर पहुंचे थे।
क्यों आ रहा है चक्कर
घर से बाहर निकलते समय अधिकतर लोग खाली पेट जाते हैं। उनको पता नही होता कि खाली पेट गर्मी अधिक प्रभावित करती है। इसी तरह पानी कम पीने और डिहाइड्रेशन की वजह से लोगों को चक्कर आता है। कई बार भीषण गर्मी में ब्लड शुगर घटने या बढऩे की वजह से भी लोगों को चक्कर आ जाता है। यही कारण है कि सामान्य यानी 40 डिग्री से अधिक तापमान होने पर डॉक्टर्स लोगों को एलर्ट रहने की सलाह देते हैं।
कैसे बढ़ रहा तापमान
डेट (मई) अधिकतम तापमान (डिग्री सेल्सियस)
13 46.6
12 39
11 38
10 39
9 39
8 38
7 41.3
6 41
5 39
4 40
3 40
2 37.1
1 40

इसका रखें ध्यान
गर्म हवाओं में बाहर जाने से बचें।
नंगे बदन और नंगे पैर धूप में न निकलें।
घर से बाहर पूरे और ढीले कपड़े पहनकर निकलें, ताकि हवा लगती रहे।
ज्यादा टाइट और गहरे रंग के कपड़े न पहनें।
सिंथेटिक, नायलान और पालिएस्टर के कपड़े न पहनें।
खाली पेट बाहर न जाएं, ज्यादा देर भूखे रहने से बचें।
धूप से बचने के लिए छाते का इस्तेमाल करे।
सिर पर गीला या सादा कपड़ा रखकर चलें।
दिनभर में 12 से 15 गिलास पानी पिएं।
बासी और मसालेदान भोजन से बचें।

बढ़ गई हीट स्ट्रोक की संभावना
तापमान में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में गर्म हवाएं चलने से लू लगने की संभावना बढ़ती जा रही है। हीट स्ट्रोक लगने से मरीज को बेहोशी का दौरा पड़ता है और उसे तत्काल इलाज की जरूरत होती है। बच्चों को भी इस मौसम में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उनमें उल्टी और वायरल बुखार के लक्षण देखे जा रहे हैं। बचाव के लिए लोग अपनी जेब में प्याज लेकर चलने लगे हैं।

हीट स्ट्रोक के लक्षण
चक्कर आना, सिर घूमना व उल्टी होना
बैचेनी और घबराहट होना
त्वचा गर्म, लाल व सूखी होना
धड़कन तेज होना, सांस लेने में परेशानी
दौरे पडऩा, बेहोशी होना

तापमान सामान्य से बहुत अधिक हो गया है और यह स्थिति खतरनाक साबित हो रही है। लोगों को गर्मी और लू से चौकन्ना रहना होगा। लापरवाही करने पर बेहोशी या चक्कर का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए खाली पेट घर से न निकलें और पूरे बदन के सूती कपड़े पहनें।
डॉ। कमलेश सोनकर
फिजीशियन, एसआरएन अस्पताल

अस्पताल में चक्कर और बेहोशी के मरीज आ रहे हैं। इनको तत्काल इलाज मुहैया कराया जा रहा है। अधिकतर लोग डिहाइड्रेशन की वजह से बीमार हो रहे हैं। अगर किसी भी व्यक्ति में लू या हीट स्ट्रोक के लक्षण नजर आते हैं तो उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराकर इलाज कराना जरूरी है।
डॉ। एमके अखौरी
अधीक्षक, बेली अस्पताल

Posted By: Inextlive