ALLAHABAD : ह्यूमन रिसोर्स एंड डेवलपमेंट मिनिस्ट्री की ओर से भेजी गई कमेटी ने अपनी जांच पूरी कर ली है. दो दिन के अपने दौरे की फाइंडिंग्स के बारे में मेंबर्स ने साफ-साफ कुछ कहने से इंकार कर दिया. हालांकि उनकी बातों से ये जरूर लगा कि कमेटी यूनिवर्सिटी में हुए बवाल का जिम्मेदार कहीं न कहीं संवादहीनता को मानती है. यही रीजन है कि मेंबर्स ने ये जरूर कहा कि संवाद की कमी मायने रखती है. बता दें कि कुछ दिन पहले हुए बवाल के बाद दो मेंबर्स वाली कमेटी इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के दौरे पर आई थी.


सभी से की गई बातकमेटी में यूजीसी के पूर्व चेयरमैन प्रो। सुखदेव थोराट और आईआईटी कानपुर के डायरेक्टर प्रो। संजय गोविंद धंाडे शामिल थे। वे वेडनसडे को मीडिया से भी मुखातिब हुए। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट तैयार की जा रही है। कोशिश की गई है कि हर आदमी से बात की जाए। इसीलिए यूनिवर्सिटी वीसी, डीन, डीएसडब्लू, वार्डेन, टीचर्स, वर्कर्स और स्टूडेंट्स से बात की गई। सभी की प्रॉब्लम और सुझावों को सुना गया। रिपोर्ट जल्द ही एमएचआरडी के सामने रखी जाएगी.  प्रो। थोराट ने कहा कि मामले में चार दिनों बाद डिसीजन आ सकता है। हॉस्टल्स का भी लिया जायजा
इससे पहले मॉर्निंग में कमेटी एसएसएल और हिंदू हॉस्टल पहुंची। वहां सुविधाओं का जायजा लिया। हॉस्टलर्स से बातचीत की। सोर्सेज बताते हैं कि हॉस्टलर्स ने भी कमेटी मेंबर्स से खुलकर अपनी परेशानियां बताईं। खस्ताहाल मेस व्यवस्था की भी शिकायत की। मीडिया से बातचीत में प्रो। धांडे ने कहा कि कमेटी यहां पिछले दिनों हुए बवाल की वजह जानने आई थी। साथ ही भविष्य में और क्या बेहतर हो सकता है, इस बारे में भी पता लगाने की कोशिश की गई है। इसके लिए जरूरी था कि पास्ट जाना जाए। फाइंडिंग्स के बारे में मेंबर्स ने इतना ही कहा कि रिपोर्ट जल्द ही मिनिस्ट्री को सौंप दी जाएगी।

Posted By: Inextlive