- आनंदी माता मंदिर व तालाब पर है ग्रामीणों की विशेष आस्था

- ग्रामीणों को भरोसा, तालाब के पानी से कुष्ठ रोग में मिलता है लाभ

आनंदी माता मंदिर व तालाब पर है ग्रामीणों की विशेष आस्था

- ग्रामीणों को भरोसा, तालाब के पानी से कुष्ठ रोग में मिलता है लाभ

KAUSHAMBI (5 Jan,JNN):

KAUSHAMBI (5 Jan,JNN): सैकड़ों गांव के लोगों की आस्था का केंद्र आनंदी माता का मंदिर रखरखाव के अभाव में जर्जर होता जा रहा है। इस ऐतिहासिक मंदिर को बचाने के लिए गांव के लोगों ने तालाब के सुंदरीकरण की मांग की है।

सुंदरीकरण की मांग

सरसवां ब्लाक क्षेत्र के अठौली गांव में सैकड़ों साल पराना शिव मंदिर है। आस-पास के दर्जनों गांव के लोगों की मंदिर में आस्था जुड़ी है। हर शुभ अवसर की शुरुआत में आनंदी माता की पहले पूजा करने की प्रथा है। लोग इस प्रथा का सदियों से निर्वाह करते आ रहे हैं। समय के साथ-साथ मंदिर जीर्ण क्षीण हो गया है। मंदिर से सटा तालाब भी गंदगी से पटा जा रहा है। गांव के लोगों ने इसके सुंदरीकरण की मांग की है।

अपना अगल है महत्व

मंदिर के साथ ही तालाब का अपना अलग महत्व है। लोगों को दावा है कि इस तालाब के पानी में कुष्ठ रोग को दूर करने का गुण है। इसके कारण दूर-दूर से लोग पानी लेने के लिए यहां आते रहते है। मंदिर निर्माण के पीछे भी तालाब से जुड़ी एक कहानी पूरे क्षेत्र में प्रचलित है।

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क्या कहते हैं ग्रामीण

मंदिर के साथ ही उसके पास बने तालाब के अस्तित्व पर संकट बना हुआ है। रख-रखाव के अभाव में इसकी दीवारें टूटने लगी हैं। तालाब पर भी लोग कब्जा करते जा रहे है।

- कमलेश

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राजा रीवा ने इस मंदिर का निर्माण का निर्माण कराया था। क्षेत्र के दर्जनों गांव के लोग इस मंदिर से आस्था रखते है। हर शुभ अवसर पर मंदिर में पूजा के बाद ही कार्य शुरू किया जाता है।

- श्यामलाल

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तालाब पर लोग कब्जा करते जा रहे हैं। गांव के लोग उसका विरोध करते हैं तो मारपीट की स्थित बन जाती है। इसलिए प्रशासन को आगे आना होगा, जिससे मंदिर के साथ ही तालाब को बचाया जा सके।

- चंद्रशेखर

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समय के साथ सब बदल गया। इसको लेकर न तो सरकार कुछ कर रही है और न ही स्थानीय लोग मंदिर व तालाब को लेकर गंभीर है। जिससे तालाब के अस्तित्व पर खतरा बन गया है। इस समस्या को लेकर गंभीर होने की जरूरत है।

-श्रीकृष्ण सिंह

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तालाब के पानी से कुष्ठ रोग जैसी बीमारी से मुक्ती मिलती है। यही कारण है कि आज भी दूर-दूर के लोग यहा आते है। तालाब के पानी का प्रयोग कर लोग रोग से मुक्ति पा रहे हैं। ऐसे में तालाब की सुरक्षा महत्वपूर्ण है।

- इंद्रभान

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मंदिर व तालाब को संरक्षित किए जाने की जरूरत है। इसके लिए जिला प्रशासन को आगे आना होगा। इस तालाब के कब्जा मुक्त व सुंदरीकरण होने से जल संरक्षण के साथ ही लोगों की भावनाओं का भी मान बढ़ेगा। मंदिर की दीवारे भी टूट रही है, उसके भी रखरखाव की जरूरत है।

-रामअभिलाष सिंह

Posted By: Inextlive