फुटकर बिक्री पर सीएमओ ने लगाई है रोकऑनलाइन कंपनियां बेच रही हैं जांच किटस्वास्थ्य विभाग को नही मिल रही पाजिटिव की जानकारीऑनलाइन कंपनियां खुलेआम कोरोना जांच किट बेच रही हैं. इसका उपयोग भी लोग कर रहे हैं. लेकिन इससे एक बड़ा नुकसान हो रहा है. जांच में पाजिटिव पाए जाने वालों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को नही मिल पा रही है. लोग संक्रमित पाए जाने पर खुद से इलाज कर रहे हैं. इससे उनकी सेहत और दूसरों के संक्रमित होने का खतरा बढ़ रहा है.


प्रयागराज (ब्यूरो)।तमाम ई कंपनियों अमेजान, फ्लिप कार्ट जैसी वेबसाइट पर कोरोना जांच किट बेची जा रही हैं। यह पांच से दस के पैक में मिल रही हैं। इनकी कीमत एक से दो हजार रुपए तक है। जैसे जैसे संक्रमण के केस बढ़ रहे हैं, इनकी डिमांड भी बढ़ रही है। लोग एहतियातन ये किट खरीदकर इनसे कोरोना की जांच स्वयं कर रहे हैं और पाजिटिव आने पर इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को नही दी जा रही है।बाजार बिक्री पर लगी है रोक


हाल ही में ऐसी शिकायतें मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल स्टोर्स पर बिकने वाली कोरोना जांच पर रोक लगा दी थी। जिसका व्यापारियों ने विरोध भी किया। उनका कहना था कि हम लोग किट खरीदने वाले लोगों का नाम और पता नोट कर रहे हैं। इसकी जांच कराई जा सकती है। बावजूद इसके हमारी बिक्री पर रोक लगा दी गई है। लेकिन ऑनलाइन बिक्री पर किसी का जोर नही चल रहा है।

क्या हो रहा नुकसानपाजिटिव आने वाले की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को नही होती।रिकार्ड में दर्ज नही होने पर मरीज के साथ मिस हैपनिंग होने का कोई क्लेम नही बनेगा।इससे परिजनों को नुकसान होगा।खुद से इलाज किए जाने से मरीज की सेहत पर होता है गलत प्रभाव।


संक्रमित बाहर निकलता है तो वह जाने-अनजाने में दूसरों को संक्रमित कर सकता है।एंटीजन जांच किट की सेंसेटिविटी कम होती है। ऐसे में कई बार वह संक्रमित को पकड़ नही पाती है।यही कारण है सरकार ने किट जांच को खत्म कर आरटीपीसीआर जांच को अनिवार्य कर दिया है।आपदा अधिनियम के तहत पाजिटिव पाए जाने पर इसकी जानकारी सरकार को नही देना अनुचित है।

Posted By: Inextlive