निकाय चुनाव में 33 परसेंट भी नहीं 'नारी शक्ति'
-950 प्रत्याशियों में केवल 150 महिलाएं हैं मैदान में
-बीजेपी ने 30 वार्डो से महिला प्रत्याशियों को उतारा है मैदान में -वहीं कांग्रेस से 22 और सपा से 20 महिला प्रत्याशी हैं मैदान में ALLAHABAD: महिलाओं को समानता का अधिकार देने के साथ ही महिला सशक्तिकरण की बातें तो खूब होती है, लेकिन जब अधिकार देने की बात आती है तो राजनैतिक पार्टियां हाथ पीछे खींच लेती हैं। निकाय चुनाव में भी कुछ ऐसा ही नजारा दिख रहा है। 33 फीसदी महिला आरक्षण की बात करने वाले राजनीतिक दलों ने निकाय चुनाव में जितनी महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है, वह करीब 14 फीसदी ही बैठता है। बीजेपी सबसे आगेभारतीय जनता पार्टी ने शहर के 79 वार्डो से प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है। प्रत्याशियों के चयन में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ नारा के साथ ही प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, महिला हेल्पलाइन के साथ ही महिला सशक्तिकरण के नारे का पूरा ध्यान रखते हुए महिलाओं को बराबर का अधिकार देने का प्रयास किया गया है। 79 वार्डो में 30 वार्डो से महिला प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है।
कांग्रेस भी कम नहींकांग्रेस ने भी शहर के सभी वार्डो से प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है। इनमें 22 महिला प्रत्याशी शामिल हैं। वहीं समाजवादी पार्टी के टिकट से 20 महिलाएं चुनाव लड़ रही हैं। वहीं जिस पार्टी की सर्वेसर्वा मायावती हैं, उस पार्टी ने ही काफी कम महिलाओं को टिकट दिया है। बहुजन समाज पार्टी ने केवल 15 वार्डो से महिला प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है।
बॉक्स किसके कितने प्रत्याशी पार्टी कुल प्रत्याशी महिला प्रत्याशी भाजपा 79 30 कांग्रेस 79 22 सपा 79 20 बसपा 70 15 भारतीय जनता पार्टी महिलाओं के अधिकार का पूरा ध्यान रखती है। इसीलिए निकाय चुनाव में भाजपा ने सबसे अधिक महिला प्रत्याशियों पर भरोसा जताते हुए उन्हें चुनाव लड़ने का मौका दिया है। नारी शक्ति और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुख्य एजेंडा है। -अवधेश चंद्र गुप्ता, महानगर अध्यक्ष भाजपाकांग्रेस ने महिलाओं को बराबर का अधिकार देने का प्रयास किया है। जिन महिलाओं ने आवेदन किया था, उन्हें टिकट दिया गया है।
-किशोर वाष्र्णेय, प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस