दस जनवरी से पहले मिल सकती है दर्शन की सौगात
सरस्वती कूप पर स्थापित होगी मां सरस्वती की प्रतिमा
PRAYAGRAJ: जिस रफ्तार से अक्षयवट दर्शन की तैयारियों को अंजाम दिया जा रहा है उसे देखकर लगता है कि संभावित तिथि दस जनवरी से पहले श्रद्धालुओं को दर्शन का मौका मिल सकता है। रविवार को अक्षयवट के नजदीक की दीवार को गिरा दिया गया और सड़क के निर्माण का काम तेज कर दिया गया। बताया जा रहा है कि सरस्वती कूप के बगल में माता सरस्वती की प्रतिमा भी स्थापित की जा रही है। व्यक्तिगत इच्छा पर होगा दर्शनबता दें कि अक्षयवट का दर्शन करने आए श्रद्धालुओं को सरस्वती कूप और पातालपुरी का दर्शन करने की इच्छा व्यक्तिगत होगी। वह चाहें तो यहां के दर्शन भी कर सकते हैं। अक्षयवट के पास मेला प्रशासन की ओर से रैंप बनाया जा रहा है। सरस्वती कूप पर मुंडेर बनाने का काम चल रहा है। अधिकारियों ने बताया कि सरस्वती कूप के बगल में एडीए की ओर से 12 फीट की प्रतिमा बनाई जा रही है। यह देखने में काफी आकर्षक होगी। दर्शन का क्रम इस प्रकार होगा कि श्रद्धालु पहले अक्षयवट और इसके बाद पातालपुरी और सरस्वती का दर्शन करेंगे। पातालपुरी और सरस्वती कूप पर श्रद्धालुओं के ठहरने का स्थान यानि होल्डिंग एरिया का निर्माण किया जा रहा है।
ऐसा हुआ तो प्रफुल्लित होंगे श्रद्धालु
अभी तक मेला प्रशासन ने दस जनवरी अक्षयवट दर्शन चालू करने की संभावित तिथि घोषित की है। उम्मीद की जा रही है कि यह तिथि घटकर एक से पांच जनवरी के बीच हो सकती है। अधिकारियों की माने तो काम काफी तेज चल रहा है और हर हाल में चीजों को तय समय में पूरा करने का दबाव बना हुआ है। पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज दौरे के दौरान अंदावा के मंच से कुंभ में श्रद्धालुओं को अक्षयवट दर्शन करने की सौगात दी थी। इसके बाद से मेला प्रशासन दिन रात इस कमिटमेंट को पूरा करने में लग गया है।