बकाएदारों की बल्ले-बल्ले, गोद लेने की योजना फ्लॉप
-पैंतीस हजार से ऊपर के बकाएदारों को गोद लेने की बनाई गई थी योजना
-आंदोलन की वजह से किसी भी डिवीजन में नहीं बनी बकाएदारों की लिस्ट ALLAHABAD: प्रदेश सरकार की ओर से लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, मेरठ व मुरादाबाद शहर की बिजली व्यवस्था निजी हाथों में दिए जाने का निर्णय खुद पावर कारपोरेशन के लिए मुसीबत का सबब बन गया है। पावर कारपोरेशन के चेयरमैन आलोक कुमार द्वारा पैंतीस हजार से ऊपर के बकाएदारों को गोद लिए जाने की योजना इलाहाबाद शहर में तो पूरी तरह से फ्लॉप हो गई है। निजीकरण के विरोध में जहां शहर के सभी सातों डिवीजन के अधिशाषी अभियंता से लेकर सहायक अभियंता आंदोलन कर रहे हैं। वहीं वित्तीय वर्ष के समापन तक किसी भी डिवीजन के अधिशाषी अभियंता द्वारा दस-दस बकाएदारों को गोद नहीं लिया जा सका। यह थी योजना-पावर कारपोरेशन के चेयरमैन आलोक कुमार की ओर से बीस फरवरी को वीडियो कांफ्रेंसिंग की गई।
-समय सीमा 31 मार्च तक निर्धारित की गई थी। -इसकी जानकारी लखनऊ मुख्यालय को भी भेजी जानी थी। -इसमें सातों डिवीजन के अधिशाषी अभियंताओं को एक साल से अधिक और पैंतीस हजार से ऊपर के दस-दस बकाएदारों को गोद लेने का निर्देश दिया गया था।-इस योजना के जरिए उपभोक्ता की बिल ना जमा कर पाने की समस्या जानने के लिए अधिशाषी अभियंता को उनके घर जाना था।
पंद्रह दिन से चल रहा आंदोलन शासन ने जिन पांच शहरों की बिजली व्यवस्था निजी हाथों में देने का फैसला किया है। इसका स्थानीय स्तर पर विरोध पंद्रह मार्च से ही शुरू हो गया था। लेकिन 18 मार्च से शहर के सभी विद्युत सब स्टेशन के सहायक अभियंता, डिवीजन के अधिशाषी अभियंता व कर्मचारियों ने दोपहर दो से शाम बजे तक कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया। इतना ही नहीं टैगोर टाउन मुख्य अभियंता कार्यालय पर 29 मार्च को हुई बैठक में आठ अप्रैल तक सुबह दस से शाम पांच तक ही कार्य किए जाने का भी निर्णय लिया गया है। किसी भी डिवीजन में नहीं बनी लिस्ट पावर कारपोरेशन के चेयरमैन आलोक कुमार के निर्देश पर निजीकरण का मसला हावी हो गया है। अधिकारियों व कर्मचारियों के आंदोलन की वजह से विद्युत नगरीय वितरण खंड टैगोर टाउन, म्योहाल, रामबाग, नैनी, बमरौली, कल्याणी देवी व क रे ला बाग डिवीजन के अधिशाषी अभियंताओं द्वारा बकाएदारों को गोद नहीं लिया जा सका। वर्जननिजीकरण की व्यवस्था ने बकाएदारों को गोद लेने की योजना पर पानी फेर दिया है। जिम्मेदारी सौंपी गई थी लेकिन हम लोगों की समस्याओं का समाधान कौन करेगा।
-बीके सक्सेना, अधिशाषी अभियंता विद्युत नगरीय वितरण खंड टैगोर टाउन निजी हाथों में व्यवस्था दिए जाने का कोई अर्थ नहीं है। जब पूरे प्रदेश में अधिकारी आंदोलन कर रहे हैं तो हम लोगों ने भी उसमें साथ देने का निर्णय लिया है। -ओपी मिश्रा, अधिशाषी अभियंता विद्युत नगरीय वितरण खंड म्योहाल निर्देश मिलने के बाद बकाएदारों का सर्वे शुरू करा दिया गया था। लेकिन निजीकरण के फैसले ने सभी को बैकफुट पर लाकर खड़ा कर दिया है। इसलिए लिस्ट तैयार नहीं कराई जा सकी है। -जीसी यादव, अधिशाषी अभियंता विद्युत नगरीय वितरण खंड बमरौली