इस महोत्सव की भी टाइम लिमिट फिक्स्ड है। चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले तक का ही पूरा खेल है। कर्मचारी जानते हैं कि गवर्नमेंट पर प्रेशर बनाने का ऐसा मौका अगले चुनाव से पहले नहीं मिलने वाला है। तभी एक के बाद एक सभी संगठन आंदोलन की राह पर चल पड़े हैं।

Posted By: Inextlive