Allahabad : रफ्तार के खेल ने सौरभ की जिंदगी की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है. नैनी ब्रिज पर बाइक से स्टंट करते वक्त हुए एक्सीडेंट में सौरभ की मौत हो गई. लाडले की मौत की खबर घर पहुंची तो कोहराम मच गया. पुलिस सौरभ को एसआरएन हॉस्पिटल ले आई जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. फैमिली मेंबर्स एसआरएन पहुंचे तो उन्हें चंद घंटे पहले हसंते-खेलते घर से निकले बेटे की मौत पर भरोसा नहीं हुआ. वह उसे रामबाग स्थित एक निजी नर्सिंग होम ले गए. यहां के भी डॉक्टर्स ने नो मोर बोला तो फैमिली मेंबर्स की आंखों से आंसुओं का सैलाब फूट पड़ा. सौरभ महर्षि पंतजलि में स्कूल में हाईस्कूल का स्टूडेंट था. पिता राकेश केसरवानी की ज्वैलरी की शॉप है. वह कोतवाली एरिया में मोतीमहल के नजदीक रहता था.

आपस में टकराई बाइक 

पुलिस ने बताया कि सौरभ अपने दो दोस्तों के साथ पल्सर से नैनी ब्रिज पहुंचा था। सौरभ अकेले बाइक पर था, जबकि अन्य दोनों दोस्त दूसरी पल्सर से थे। नैनी ब्रिज पर पहुंचते ही वह बाइक से रेस लगाते हुए स्टंट करने लगे। इस चक्कर में उनका अपनी बाइक पर नियंत्रण नहीं रहा और दोनों पल्सर आपस में टकरा गईं। स्पीड इतनी तेज थी कि आपस में टकराने के बाद दोनों पल्सर बाइक कई मीटर तक घसीटती चली गई। तीनों में से कोई भी हेलमेट भी नहीं लगाए हुए था. 

सौरभ की मौत, दोनों दोस्त गंभीर 

पुलिस ने बताया कि बाइक रेसिंग कर रहे सौरभ की मौत हो गई है। जबकि उसके दोनों दोस्त की हालत गंभीर बनी हुई है। घटना के बाद पहुंचे फैमिली मेंबर्स ने दोनों को निजी हॉस्पिटल में एडमिट कराया है। राकेश केसरवानी की फैमिली में दो बेटे सौरभ व रतनीश व दो बेटियां हैं। सौरभ छोटा बेटा था. 

तो शायद बच सकता था सौरभ 

पुलिस का कहना है कि सौरभ के सिर में गंभीर चोटें आई थीं। स्पाट पर ही उसकी मौत हो चुकी थी। सौरभ ने हेलमेट पहना होता तो शायद उसकी जिंदगी बच जाती। फिलहाल, अब सौरभ नहीं है। जिस बेटे को लाड-प्यार से पालकर बड़ा किया और उसकी हर इच्छा को पूरा किया उस बेटे की बॉडी देखकर पूरा परिवार टूट गया। वह उस पल को कोस रहे थेजब सौरभ बाइक लेकर घर से निकला था. 

Posted By: Inextlive