एसीएसटी कोर्ट से दस अभियुक्तों को सुनाई गई थी सात-सात साल की सजा मुल्जिम उमेंद्र के भागने से पुलिस महकमे में हड़कंप शेष मुल्जिम भेजे गए जेल

प्रयागराज (ब्यूरो)। एससीएसटी कोर्ट द्वारा दस अभियुक्तों को मंगलवार दोपहर सात-सात साल की सजा सुनाई गई। अपहरण व एससीएसटी मामले में सजा होने के बाद सुरक्षा में रही पुलिस को चकमा देकर मुल्जिम उमेंद्र सिंह भाग निकला। सजा पाने वाले बाकी नौ अभियुक्त जेल भेज दिये गये हैं। कचहरी से मुज्लिम उमेंद्र सिंह के भागने की खबर से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। कचहरी पहुंची कर्नलगंज सहित कई थाने की पुलिस भागे हुए मुल्जिम की तलाश में जुट गई। देर रात तक उसकी तलाश में कचहरी से लेकर उसके घर के रूट पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज पुलिस खंगालती रही। लेकिन, सफलता हाथ नहीं आयी।

कानपुर का है भागने वाला मुल्जिम
कोरांव थाने के मुकदमा अपराध संख्या 25/05 में अपहरण का एक मुकदमा दर्ज हुआ था। अपहरण व एससीएसटी के इस मुकदमे कुल दस अभियुक्त शामिल थे। अभियोजन अधिकारी गुलाचंद्र सरोज व विशेष लोक अभियोजन अखिलानन्द द्विवेदी के मुताबिक मंगलवार को अभियुक्त महेंद्र मिश्रा, रामेश्वर, कामेश्वर, राजेंद्र उमेंद्र सिंह सहित कुल दस लोगों को पेशी पर कोर्ट लाया गया था। इनके मुकदमे की कार्रवाई पूरी हो चुकी थी और आज सजा सुनायी जानी थी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान सभी अभियुक्त मौजूद थे। कोर्ट ने सभी दलीलों और अपराध की गंभीरता पर गौर करने के बाद सभी अभियुक्तों को सात-सात साल की सजा सुनाई गई। कोर्ट में सजा सुनने के बाद सभी अभियुक्त जेल भेजने के लिए बाहर लाए गए। इनकी सुरक्षा में पुलिस तैनात थी। लोगों की मानें तो बाहर आते ही सुरक्षा में रहे पुलिस के जवानों को चकमा और झांसा देकर सजायाफ्ता अभियुक्त कानपुर निवासी उमेंद्र सिंह भाग निकला। काफी देर तक जब वे वापस नहीं लौटा तो उसके भागने की जानकारी हुई। सजा पाने वाले मुल्जिम के कचहरी से भागने की खबर मालूम चलते ही पुलिस के अधिकारी सन्नाटे में आ गए। कर्नलगंज सहित कई थानों की फोर्स के साथ अफसर कचहरी पहुंचे। पूछताछ के बाद उसकी तलाश शुरू की गई। कचहरी से लेकर भागे हुए अभियुक्त के घर को जाने वाले रूट पर लगे सीसीसी टीवी कैमरों के फुटेज की छानबीन देर रात तक जारी रही। खबर लिखे जाने तक अभियुक्त के बारे में पुलिस को कुछ पता नहीं चल सका था। भागने वाला अभियुक्त कानपुर का है, लिहाजा रातों रात उसकी तलाश में अफसरों के द्वारा एक टीम कानपुर के लिए रवाना कर दी गई है।

इस तरह जवानों को दिया झांसा
सात साल की सजा होने के बाद भागने वाला शातिर उमेंद्र सिंह बड़ी ही चालाकी से जवानों को झांसा और चकमा दिया। अधिवक्ता बताते हैं कि जब सजा के बिन्दु पर बहस चल रही थी कि मुल्जिम उमेंद्र का बेटा कोर्ट के बाहर कचहरी परिसर में खड़ा था। सजा होने के बाद उमेंद्र बाहर आया तो वह जवानों से कहा कि वह बेटे को मोबाइल और घड़ी देना चाहता है। चूंकि उसका बेटा थोड़ी दूर पर था लिहाजा सुरक्षा में रहे जवान उसे जाने दिए। बस जवानों की इसी चूक का शातिर फायदा उठाया और बेटे के साथ कचहरी से भाग निकला।

सुलेमसराय के कैमरे हुआ है ट्रेस
देर रात उसकी तलाश में जुटी रही पुलिस कानपुर रूट के सुलेम सराय में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में मुल्जिम उमेंद्र सिंह व उसका बेटा दिखाई दिया है। यहां तक कैमरे के जरिए ट्रेस होने के बाद पुलिस को शक है कि वह भागकर कानपुर की तरफ जा रहा है। यही वजह है कि उसकी तलाश में पुलिस की एक टीम कानपुर रवाना की गई है। उसके बेटे के पास मौजूद मोबाइल पर बेल जा रही है। मोबाइल के जरिए भी उसकी लोकेशन को पुलिस ट्रेस कर रही है। अफसरों का दावा है कि जल्द ही वह पकड़ लिया जाएगा।

पूछताछ में पता चला है कि वह सजा से पहले ही भागा है। धूमनगंज की ओर उसकी लोकेशन सीसीटीवी कैमरे से ट्रेस हुई है। मामले में वह बेल पर था। आज मंगलवार को केस में डेट लगी थी। इसलिए प्रकरण के सभी अभियुक्त कचहरी आए थे।
संतोष कुमार मीना, डीसीपी नगर

मामला कोरांव थाने से सम्बंधित है। कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद अभियुक्तों को बाहर लाया गया था। घटना कोर्ट के बाहर कचहरी परिसर की है।
गुलाचंद्र अग्रहरि, जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी

पुलिस को पहले भी गच्चा दे चुके हैं शातिर
2001 में नैनी जेल से कोर्ट में पेशी के लिए लाए जा रहे पांच हिस्ट्रीशीटर बंदी बैरहना के पास जेल वैन फर्श की चादर काट कर भाग गए थे। पुलिस मुठभेड़ में दो मारे गए थे, तीन बाद में पकड़े गए।
2013 में जौनपुर में पेशी के बाद ट्रेन से इलाहाबाद लाए जा रहे शातिर अपराधी नीरज सिंह फूलपुर इलाके में दो सिपाहियों को गोली मार कर भाग गया था।
2015 में शातिर गदऊपासी खुल्दाबाद माइनर कोर्ट के पास पुलिस को चकमा देकर हथकड़ी सहित भाग गया था। उसे मीरजापुर से पेशी पर पुलिस लाई थी। गिरफ्तारी नहीं होने पर 50 हजार का इनाम हुआ तो 2018 में वह सरेंडर कर दिया था।
2018 में 23 अप्रैल को सोनभद्र की जेल से हिमांचल प्रदेश पेशी पर ले जाते समय वीजा में हेराफेरी व भारतीय नागरिक से मारपीट का आरोपी जर्मनी नागरिक हेरिक धूमनगंज में हाउटर पर ट्रेन से कूद कर भाग गया था। हिमांचल प्रदेश में भी उस पर केस था।
2019 में 26 मार्च की रात बम्हरौली की दो दलित युवती से गैंग रेप के तीन आरोपी पुलिस को चकमा देकर भाग गए थे। मुख्य आरोपित शनि को पकड़कर पुलिस खुलासा की थी।
2019 में ही नौ जून को बहरिया थाने के हवालात की दीवार काटकर हत्या के मामले में पूछताछ के लिए लाए गए सात आरोपित भाग गए थे। करनाईपुर में 31 मई की रात कन्हैया लाल बिन्द की हत्या कर शव स्कूल की खिड़की से लटका दिए थे।
2019 में ही 26 अगस्त को नैनी कारागार से एसीजेएम कोर्ट लाया गया मुल्जिम सुनील गुप्ता निवासी प्रतापगढ़ कचहरी परिसर में सिपाही ओम प्रकाश को धक्का देकर भाग गया था।

Posted By: Inextlive