बूंद-बूंद के लिए संघर्ष कर रहे हॉस्टलर्स
हिन्दू हॉस्टल में तीन दिनों से जला पड़ा है साढ़े सात हार्स पावर का मोटर
साल्यूशन न मिलने पर किया चक्काजाम, घंटों चला जाम ALLAHABAD: इलाहाबाद विश्वविद्यालय में ट्रस्ट के हास्टलों में से एक हिन्दू हास्टल के अन्त:वासी एक-एक बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। आठ जुलाई को सुबह सात बजे रुटीन वर्क के लिए वाशरूम और टॉयलेट पहुंचे तो हैरान रह गये। पानी की सप्लाई ठप थी। करीब दो दर्जन को यूजीसी नेट का एग्जाम देना था। साढ़े सात हार्स पावर का मोटर जल जाने से किसी भी ब्लाक में हाथ धुलने भर का भी पानी नसीब नहीं हुआ। दोस्तों, रिश्तेदारों के यहां ली पनाहआठ जुलाई की भोर में मोटर जल जाने की वजह से अन्त:वासियों को अपने-अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के यहां पनाह लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। स्थिति इस कदर बिगड़ गई कि कंपनी बाग और हाथी पार्क में दर्जनों अन्त:वासी तीन दिनों से फ्रेश होने के जा रहे हैं तो खाना बनाने और बर्तन धुलने जैसी समस्या से जूझना पड़ रहा था। अन्त:वासी सभी रुटीन वर्क दूसरी जगहों पर करने के बाद सिर्फ सोने के लिए हास्टल में जा रहे हैं।
टूटा धैर्य तो चौराहे पर लगाया जामतीन दिनों से मोटर नहीं बनने पर हास्टल के अन्त:वासियों का गुस्सा मंगलवार को फूट पड़ा। अन्त:वासियों ने हास्टल चौराहे के सामने सुबह दस बजे चक्काजाम कर दिया। जीटी रोड पर जाम लगने से अफरातफरी मच गई। स्थित यह हो गई कि कई अधिवक्ता व बड़े-बुजुर्गो ने उधर से जाने कोशिश की। इस पर अन्त:वासियों ने सभी से हाथ जोड़कर वापस लौट जाने का आग्रह किया। अन्त:वासियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जाम की वजह से रुट डायवर्ट हुआ तो नाजरेथ हास्पिटल से लेकर हनुमान मंदिर चौराहा और लोक सेवा आयोग तक वाहनों पर दबाव बढ़ने लगा।
एक घंटे बाद पहुंची फोर्स वाहनों का दबाव बढ़ा तो पूर्वान्ह 11 बजे कर्नलगंज कोतवाली की फोर्स हास्टल चौराहे पर पहुंची। अधिकारियों ने समझाने की कोशिश की तो अन्त:वासियों से जमकर नोक-झोक हुई। अन्त:वासी पानी का टैंकर भेजने की मांग कर रहे थे। अधिकारियों ने नगर निगम के अधिकारियों से बात की। करीब बारह बजे पानी का चार टैंकर पहुंचा तो उसके बाद आक्रोशित अन्त:वासियों ने जाम हटाया। 184 कमरे हैं हिन्दू हास्टल में 04 ब्लाक में डिवाइड है पूरा हॉस्टल 02 छात्र रहते हैं प्रत्येक कमरे में 08 जुलाई की भोर में परिसर में स्थित मोटर जल गया था 7.5 हार्स पावर का मोटर लगा है पानी सप्लाई के लिए01
साल पहले हास्टल में एमएलसी डॉ। यज्ञदत्त शर्मा की निधि से पानी की टंकी का निर्माण हुआ। लेकिन, आज तक कनेक्शन नहीं हुआ है
इससे ज्यादा परेशानी क्या हो सकती है कि जब परीक्षा देने से पहले दूसरी जगह पर जाकर अपना दैनिक कार्य करना पड़े। जयकिशन पंडारक तीन दिनों से खाना बनाने के लिए पानी के तरसना पड़ रहा है। अधिकारियों को कई बार पानी की समस्या की बात बताई गई थी। गोपाल मिश्रा हास्टल में एक वर्ष पहले से पानी की टंकी बनकर तैयार है लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने आज तक उसमें कनेक्शन नहीं दिया है। संदीप पटेल विश्वविद्यालय प्रशासन सिर्फ फीस लेना जानता है। छात्रों को सुविधाओं के लिए सालभर अधिकारियों का चक्कर लगाना पड़ता है। सुमित मिश्रा कई बार सुपरिटेंडेंट से एक और मोटर लगाने की मांग की गई थी लेकिन हुआ कुछ नहीं। तीन दिनों से मोटर खराब पड़ी है और सुनवाई नहीं हो रही। दीपक पांडेय अन्त:वासियों की समस्या का समाधान करने का प्रयास किया जा रहा है। मोटर को बनवाने के लिए दे दिया गया है। वैकल्पिक व्यवस्था हमारे स्तर से नहीं की जा सकती है। -राहुल पटेल, सुपरिटेंडेंट हिन्दू हास्टल