हर घर के लोग एक बाल्टी पानी बचा लें तो एचीव हो जाएगा बड़ा टास्क घरों में बर्तन कपड़ा व गाड़ी धोने से लेकर कई तरीकों से बगैर सोचे बर्बाद किया जा रहा स्वच्छ जल

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। 'जेकरे पांव फाट बेवाई, ऊ-काजानै पीर पराईÓ यह पंक्ति दरवाजे पर उड़ रही धूल को शांत कराने के लिए सैकड़ों लीटर पानी का छिड़काव करने के साथ गाडिय़ों व किचन में बर्तन एवं स्नान के वक्त बेवजह पानी बर्बाद करने वालों पर सटीक बैठती है। स्वच्छ पेयजल के इन चंद दुश्मनों को कौन और कैसे समझाए कि जिस पानी को बेवजह वे बर्बाद कर रहे हैं वह कितना कीमती है। इस पानी की कीमत उस वक्त समझ आती है जब एक दिन सप्लाई ब्रेक हो जाती है। सफर में प्यास लगने पर जब पानी की बोतल खरीदना पड़ता है उस वक्त इसके कीमत का अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसे लोगों के लिए यह कहना गलत नहीं होगा कि 'एक बाल्टी पानी की कीमत तुम क्या जानोंगे बाबूÓ।

2,36384 घर हैं नगर निगम के दायरे में
1845772 हैं शहर की टोटल पालुलेशन
214732 वाटर सप्लाई के कुल हैं कनेक्शन
12 घंटे वाटर सप्लाई का है विभागीय दावा
402 एमएलडी पानी की रोज होती है खपत

मुश्किल नहीं काम बस सोच की है बात
जलकल विभाग दो लाख 14 हजार 732 कनेक्शन बांट रखा है। इसके अतिरिक्त भी लोग निजी सबमर्सिबल व हैंडपम्प घरों में लगवा रखे हैं। जिसके जरिए भू-गर्भ जल का वह बेहिसाब दोहन कर रहे हैं। जहां दो बाल्टी पानी में काम हो सकता है, ज्यादातर लोग ऐसे हैं उस जगह पर चार बाल्टी पानी का यूज करते हैं। अकेले ब्रश व कुल्ला करने में ही ऐसे लोग करीब एक बाल्टी पानी खर्च कर देते हैं। घरों में ज्यादातर महिलाएं फुल नल खोलकर बर्तन धुलती हैं। पानी बहता रहता है और वे बर्तन में साबुन घिसती रहती हैं। एक ग्लास धोने के लिए ऐसे में करीब एक बाल्टी पानी का मिसयूज हो जाता है। बाइक व कार धोने वालों ने तो हद ही कर दी है। वाटर हीरोज राम बाबू तिवारी की मानें तो अब तक उनके जरिए जल संरक्षण को लेकर चलाए गए अभियान में चौंकाने वाले हालात मिले हैं। चंद रुपए कमाने की चाह में बाइक व कार वाश करने वाले लोग दर्जनों बाल्टी या यूं कहिए सैकड़ों लीटर पानी खुलेआम बर्बाद कर रहे हैं। जबकि, यदि हर घर में मिस यूज हो रहे एक बाल्टी पानी को बचा लिया जाय, तो यकीन मानिए अकेले प्रयागराज शहर में ही दो लाख 36 हजार 384 लीटर पानी एक दिन में बचत हो सकती है। यह काम बहुत कठिन नहीं है, बस मन में इच्छा शक्ति और दिमाग में नेक सोच के साथ जल संचय की साफ नियत होनी चाहिए।

बाप-रे: नाली में रोज लाखों का पानी
मार्केट में एक बोतल पानी को दुकानदार आसानी से फ्रिज में ठंडा करके बीस रुपये का बेचते हैं। इस एक बोतल में एक लीटर पानी होता है।
इस हिसाब से हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि आज मार्केट में एक लीटर पानी की कीमत बीस रुपये है।
मतलब यह कि यदि एक बाल्टी में दस लीटर भी पानी आता है तो यह मान लीजिए कि उतना पानी 200 रुपये का हुआ।
शहर में कुल 2,36384 मकान हैं। अंदाजा लगाया जा सकता है कि हर दिन कितने रुपये मूल्य का पानी बर्बाद किया जा रहा है।
यह अनुमानित आंकड़ा है। दबी जुबान अफसरों की मानें तो पानी की बर्बादी का रेसियो इससे कई गुना अधिक है।

पेयजल के लिए किए गए इंतजाम
व्यवस्था संख्या
बड़े नलकूप 342
मिनी नलकूप 322
कुल नलकूप 664
चौराहों पर छोटी टंकी 21
टोटी नल 300
हैंडपम्प 1200
बिछाई गई पाइप 1700 किमी
पानीटंकी 54

हम सुविधा प्रोवाइडर विभाग हैं। हमारा काम सिर्फ लोगों को हर संभव सप्लाई देना है। कार्रवाई का अधिकार भू-गर्भ जल विभाग के पास है। इस लिए महाप्रबंधक जलकल से वार्ता करके स्वच्छ जल बर्बाद करने वालों पर कार्रवाई के लिए भू-गर्भ जल विभाग को पत्र लिखा जाएगा।
शिवम मिश्रा अधिशाषी अभियंता जलकल

Posted By: Inextlive