25 से 30 फीसदी तक बढ़ा है ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का ग्राफ बंद होने के कगार पर तमाम बैंकों के एटीएम ई वालेट से लोग कर रहे पेमेंट 50 एटीएम पर लटक रही तलवार 450 से अधिक एटीएम हैं शहर भर में

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का बढ़ता चलन बैंकों के एटीएम के लिए ग्रहण बनता जा रहा है। धीरे धीरे कर शहर के तमाम एरिया में स्थिति बैंकों के एटीएम बंद हो रहे हैं। कारण साफ है कि लोग कैश के बजाय अब फोन पे, पेटीएम, भीम आदि ई वालेट का अधिक यूज कर रहे हैं। इससे उनको काफी फायदा भी है। वह सुरक्षित तरीके से अपने पैसे रखरखाव कर सकते हैं।

कोरोना के बाद बढ़ा उपयोग
वैेसे तो ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की शुरुआत नोट बंदी से हो गई थी लेकिन यह परवान चढ़ा कोरोना संक्रमण के बाद। महामारी फैलने के बाद 25 से 30 फीसदी ऑनलाइन ट्रांजेकशन का ग्राफ बढ़ गया, जिसकी वजह से कई एटीएम के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा। एग्जाम्पल के तौर पर मीरापुर तिराहे के नजदीक स्थित एक निजी बैंक का एटीएम इसी वजह से बंद कर दिया गया। वहां कस्टमर्स का आना लगभग बंद हो गया था। लूकरगंज पुलिस चौकी के नजदीक स्थित दो एटीएम भी हाल ही में बंद हो गए। यहां भी लोगों का आना काफी कम हो गया था। राजरूपपुर स्थित एक निजी बैंक का एटीएम भी इसी वजह से बंद कर दिया गया। आंकड़ों पर जाएं लगभग 50 ऐसे एटीएम हैं जिनके अस्तित्व पर सवाल खड़े हो रहे हैं और इनको बंद करने का संबंधित बैंक कभी भी निर्णय ले सकते हैं।

खतरे से बाहर ब्रांच के एटीएम
हालांकि खतरा जिन एटीएम पर मंडरा रहा है उनमें से अधिकतर इंडिपेंडेंट हैं और शहर के अलग अलग एरिया में लगाए गए हैं। जबकि जो एटीएम बैंक की ब्रांच में हैं, उनका अस्तित्व बरकरार है। यहां पर फुट फाल बना हुआ है और बैंको को वहां पर रोजाना दो से तीन बार कैश डालना पड़ता है। एग्जाम्पल के तौर पर एटीएम मेन ब्रांच में स्थित तीन एटीएम में रोजाना तीन बार 50-50 लाख फिल किया जाता है। यानी रोजाना 4 करोड़ से अधिक कैश की आवश्यकता होती है। इसी तरह यूनियन बैंक के सिविल लाइंस स्थित ब्रांच एटीएम में भी दो बार कैश डालना पडता है। यही हाल बाकी बैंकों के ब्रांच में लगे एटीएम का भी है। हालांकि एसबीआई के एटीएम से जुड़े कार्यों को देखने वाले अधिकारी सुशील दुबे इसे नही मानते हैं। वह कहते हैं कि एटीएम लोगों की जरूरत में शामिल है। इसका उपयोग चलता रहेगा।

यह वजह भी बन रही हैं कारण
- एक एटीएम चलाने में हर माह बैंक को तीस से चालीस हजार किराया देना होता है
- आरबीआई की गाइड लाइन के अनुसार 100 घंटे तक एटीएम में कैश नही होने पर पेनाल्टी का प्रावधान है।
- आंध्रा बैंक का यूनियन बैंक, विजया बैंक का बैंक आफ बड़ौदा, यूनाइटेड बैंक का पंजाब नेशनल बैंक सहित अन्य बैंकों का विलय होने से भी एटीएम बंद होने की कगार पर हैं।
- पांच रुपए से लेकर लाखों रुपए तक होता है ऑनलाइन ट्रंाजेक्शन
- कैश के गिरने या खोने का भी कोई नहीं है झंझट
- कैश के घर से चोरी होने का भी बना रहता है खतरा

ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के शुरू होने से एटीएम का उपयोग कम तो हुआ है और यह सही भी है। सभी लोग फोन के जरिए पेमेंट कर रहे हैं। कैश शायद ही कोई लेकर चलता है। फिर भी एटीएम संचालित हो रहे हैं। अभी भी कई एटीएम में ग्राहकों की भीड़ नजर आने लगती है।
दीपक कुमार सिंह, चीफ मैनेजर, एसबीआई मेन ब्रांच प्रयागराज

Posted By: Inextlive