शहर में शिकार, मचा हाहाकार
- अशोक नगर आफिसर कालोनी में जंगली जानवर ने किया पांच बकरियों का शिकार
- मौके पर मिले पद चिन्हों के आधार पर भेडि़या होने की बात कह रहा वन विभाग - एरिया के लोगों में दहशत, बकरियों का नहीं हो सका पोस्टमार्टमALLAHABAD: अशोक नगर आफिसर कालोनी में सोमवार की सुबह जिसने भी यह दृश्य देखा वह खौफ से थर्रा उठा। एक दो नहीं बल्कि पांच बकरियों को किसी जंगली जानवर ने अपना शिकार बनाया था। पॉश इलाके के लोगों में यह खबर तेजी से फैली और सभी सकते में आ गए। एक नलकूप के बाहर किसी खूंखार जंगली जानवर ने यह खूनी खेल खेला था। आनन फानन में पुलिस व वन विभाग को इसकी सूचना दी गई। स्पॉट पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों ने मारी गई बकरियों का पोस्टमार्टम कराने का फैसला लिया। मौके पर मिले पद चिन्हों के आधार पर वन विभाग इसके भेडि़या होने की बात कह रहा है।
पेट फटा था जानवरों कामोहम्मद जमाल खान आफिसर कालोनी में रहते हैं। वह नलकूप के पंप आपरेटर हैं। जमाल ने अपनी बकरियों को रात में नलकूप के बाहर ही बांध कर रखा था। सोमवार की सुबह जब वह नलकूप पर पहुंचे तो दंग रह गए। उनकी सभी बकरियां मरी पड़ी थी। उनका पेट फाड़ दिया गया था। देखने से ऐसा लग रहा था कि किसी जंगली जानवर ने बकरियों को अपना शिकार बनाया है। इस घटना से वहां पर हड़कंप मच गया। मोहल्ले वाले भी जमा हो गए। पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने वन विभाग को बताया।
पैरों के निशान से हुई पहचान कुछ देर बाद ही वन विभाग के अधिकारी केएस यादव मौके पर पहुंच गए। वन विभाग की टीम जांच में जुटी रही कि बकरियों को मारने वाला कौन सा जानवर है। केएस यादव की माने तो स्पॉट पर जो पद चिन्ह मिले हैं उससे यह खूंखार जानवर भेडि़या का लग रहा है। आफिसर ने इसके लकड़बग्घा होने की बात से इंकार किया है। उनका कहना था कि वह लकड़बग्घा सीधे अटैक नहीं करता है। उन्होंने बताया कि आसपास के एरिया में हमलावर जानवर की तलाश की गई लेकिन उसका पता नहीं चला। नहीं हो सका पोस्टमार्टमवन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि वह मृत बकरियों का पोस्मार्टम कराएंगे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्पष्ट हो जाएगा कि बकरियों को शिकार बनाने वाला भेडि़या ही था या कोई अन्य खूंखार जानवर था। वन विभाग के कहने पर स्थानीय लोग बकरियों को लेकर जानवरों का पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंच गए। लेकिन वहां पर लोचा हो गया। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर ने साफ कह दिया कि वन विभाग की ओर से उन्हें कुछ रिटेन में नहीं मिला है। बिना रिटेन डॉक्युमेंट के पोस्टमार्टम नहीं होगा। ऐसे में मोहम्मद जमाल खान अपने साथियों के साथ वापस लौट आए और बकरियों को दफना दिया।