हम यह सीधे तो नहीं कर सकते लेकिन परिस्थितियां गवाही देती हैं. प्रयागराज के युवाओं में विदेश में पढ़ाई का क्रेज बढ़ गया है. पासपोर्ट के लिए किये गये आवेदन के आंकड़े इसका संकेत देते हैं. पिछले तीन महीने के भीतर करीब 11 हजार लोगों ने पासपोर्ट के लिए आवेदन किया है. संभव है कि इसमें बड़ी संख्या टूरिज्म परपज से विदेश जाने वालों की भी हो लेकिन बोर्ड के रिजल्ट आने के बाद इस संख्या में इजाफा होने से संभावना जतायी जा रही है कि बड़ी संख्या में आवेदक छात्र हैं.

प्रयागराज ब्‍यूरो। फॉरेन में पढ़ाई को लेकर यूथ में क्रेज इस साल की शुरुआत में तब सामने आया था जब रूस और युक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुआ। इसके बाद भारतीय छात्रों का लौटना शुरू हुआ तो पता चला कि प्रयागराज के ही पांच दर्जन से अधिक छात्र यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई के लिए गये हैं। इस साल भी वहां प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो चुके है और युद्ध के दौरान भारत लौटे छात्रों को फिर से कॉल किया जाने लगा है। पासपोर्ट के लिए बढ़े आवेदन यह संकेत भी देते हैं कि आने वाले विंटर सीजन में बड़ी संख्या में लोग फॉरेन टूर प्लान कर सकते हैं। यह कोरोना का खौफ पूरी तरह से समाप्त होने के चलते होगा। यह डिटेल वेरीफिकेशन के लिए पुलिस को ऑनलाइन प्राप्त आवेदनों से मिली है। मुकदमों के विवेचना में फिसड्डी थाना पुलिस पासपोर्ट वेरीफिकेशन में काफी एक्टिव है। एक भी ऐसा आवेदन नहीं जो पुलिस के पास वेरीफिकेशन के लिए पेडिंग शो-कर रहा हो।

तीन चार वजह बता रहे हैं जानकार
कोरोना कॉल में विदेश जाने के बजाय वहां रहे लोग वापस आ रहे थे। वर्ष 2019 से लेकर 2020 तक पूरी तरह से कोरोना लोगों के जीवन व सपनों पर खौफ बनकर मंडराता रहा। लोग विदेश जाना तो दूर घर से बाहर निकलने की बात सोचना भी मुनासिब नहीं समझ रहे थे। सिर पर मौत बनकर मंडरा रहे कोरोना का असर 2021 में काफी हदतक नार्मल हुआ। फिर लोगों के जेहन में इसका खौफ बना हुआ था। वक्त का पहिया धीरे-धीरे घूमा और 2022 का वर्ष शुरू हुआ। इस चालू वर्ष में कोरोना का खौफ लोगों के जेहन से किसी तरह बाहर निकला। यही वजह है कि अब छात्र पढ़ाई के लिए तो तमाम युवा रोजी रोजगार के लिए एक बार फिर विदेश जाने का प्लान बना लिए हैं। विदेश में उद्देश्य पढ़ाई का हो या फिर नौकरी का, दोनों ही सूरत में पासपोर्ट का होना अनिवार्य है। बगैर पासपोर्ट के कोई देश की सीमा के बाहर कदम तक नहीं रख सकता। जानकार मानते हैं कि वह दो कारण काफी अहम हैं जिसकी वजह से, इस वर्ष पासपोर्ट बनवाने वालों की तादाद पिछले वर्ष की तुलना में काफी बढ़ी हैं। पासपोर्ट के लिए आवेदन करने वालों में ऐसा नहीं कि सभी पढ़ाई या नौकरी के उद्देश्य से ही पासपोर्ट बनवाना चाहते हैं। आवेदकों में कुछ ऐसे भी हैं जो विदेश टूर यानी घूमने के लिए जाने की मंशा पाले हुए हैं। गिने चुने आवेदक तो इस लिए पासपोर्ट बनवा ले रहे हैं कि बनकर घर पर पड़ा रहेगा। क्या पता विदेश जाने का मौका मिल ही जाय। यही कारण है कि पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदकों की संख्या में उछाल आया है।

2022 में पासपोर्ट पुलिस वेरीफिकेशन
महीना जांच शेष
जनवरी 2030 निल
फरवरी 2253 निल
मार्च 2770 निल
अप्रैल 2669 निल
मई 2774 निल
जून 3413 निल
जुलाई 3717 निल
अगस्त 3718 निल

2021 में पासपोर्ट पुलिस वेरीफिकेशन
महीना जांच शेष
जनवरी 1505 निल
फरवरी 1730 निल
मार्च 1301 निल
अप्रैल 1136 निल
मई 1822 निल
जून 2113 निल
जुलाई 2037 निल
अगस्त 1675 निल

पासपोर्ट बनवाने के लिए इच्छुक व्यक्तियों को ऑनलाइन आवेदन करना होता है। आवेदन को कई विभागों को वेरीफिकेशन के लिए भेजा जाता है।
एलआईयू से लेकर थाना पुलिस तक इसमें जांच करके ऑनलाइन ही अपनी रिपोर्ट पासपोर्ट विभाग को भेजती है
पुलिस को वेरीफिकेशन में यह देखना होता है कि आवेदक के खिलाफ सम्बंधित थाने में कोई मुकदमा है या नहीं, है तो कितने
पुलिस को 15 दिन में वेरीफिकेशन करके रिपोर्ट ऑनलाइन सब्मिट करनी होती है
इस वर्ष पासपोर्ट वेरीफिकेशन के लिए पुलिस के पास पहुंचे आवेदनों की संख्या पिछले वर्ष से काफी ज्यादा है। एक भी वेरीफिकेशन पेंडिंग नहीं है।

पिछले दो वर्ष तक तो करोना ही प्रभावी रहा। पिछले वर्ष भी कोरोना का डर लोगों में बना हुआ था। इस वर्ष लोगों की जिंदगी कोरोना के डर से निकलकर पटरी पर आ गई है। अब फिर लोग पढ़ाई व नौकरी आदि के लिए बाहर आना जाना शुरू कर दिए हैं। शायद यही कारण है कि पासपोर्ट के लिए लोग अधिक आवेदन किए तो वेरीफिकेशन के लिए भी ज्यादा फाइलें विभाग के पास आईं। प्राप्त सभी पासपोर्ट वेरीफिकेशन की रिपोर्ट भेजी जा चुकी है।
रविशंकर निम एसपी प्रोटोकॉल/नोडल अफसर पासपोर्ट

Posted By: Inextlive